India News, (इंडिया न्यूज), Tanzania Deal: तंजानिया ने कई विरोधों के बावजूद दुबई के कंपनी के साथ एक विवादास्पद बंदरगाह प्रबंधन समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इस समझौते को लेकर रविवार को तंजानिया के राष्ट्रपति सामिया सुलुहु हसन की मौजूदगी में यह हस्ताक्षर किया गया।
समाचार एजेंसी के एसोसिएट प्रेस के मुताबिक मिली जानकारी के अनुसार बताया गया कि, तंजानिया बंदरगाह प्राधिकरण के महानिदेशक प्लासड्यूस मबोसा ने बताया कि, संयुक्त अरब अमीरात में स्थित डीपी वर्ल्ड सिर्फ चार बर्थ का संचालन करेगा। साथ ही आगे कहा कि वह पूरे बंदरगाह का संचालन नहीं करेगा। इसमें कुल 30 वर्षों की अनुबंध अवधि के लिए हर पांच वर्ष में इसके प्रदर्शन की समीक्षा होगी।
बता दें कि, दुबई स्थित कंपनी डीपी वल्रड ने बीते रविवार को तंजानिया की सरकार के साथ तीन करार पर साइन किया है। जिसके तहत कंपनी 30 सालों तक दर-अस-सलाम बंदरगाह की देखरेख करेगी। साथ ही कंपनी ने तय किया है कि आने वाले पांच सालों में वह बंदरगाह में 250 मिलियन डॉलर का भी निवेश करेगी।
इसके डील में विपक्ष और नागरिकों ने तंजानिया के बंदरगाहों का प्रबंधन एक विदेशी लॉजिस्टिक कंपनी से कराने को लेकर सरकार के फैसले का भी विरोध किया है। वहीं सरकार का इसको लेकर कहना है कि इस कदम से बंदरगाह की कैपसिटी बढ़ेगी और साथ ही देश की अर्थव्यवस्था भी बढ़ेगी। ह्यूमन राइट्स वॉच के मुताबिक, बंदरगाह समझौते को तंजानिया की संसद ने 10 जून को मंजूरी दी थी। लेकिन इसके बाद वहां विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इस विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों में से 22 से ज्यादा लोग को गिरफ्तार किया गया है।
वहीं मनमाने ढंग से सरकार चलाने वाले पूर्व राष्ट्रपति मैगुफुली के निधन के बाद ही तंजानिया की संसद में कुछ कानूनी बदलाव किया गयै है। इस कानून के आलोचकों पर नकेल कसने को लेकर भी देखा गया है। विपक्ष ने बंदगाह डील को खारिज करने के खुब प्रयास किया, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हो पाया।
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