India News (इंडिया न्यूज), Temples Targeted in Bangladesh: बांग्लादेश में भड़की हिंसा मंगलवार (26 नवंबर) को हिंसक हो गईं, जब चटगांव में तीन हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया। वहीं जिन मंदिरों को निशाना बनाया गया, उनमें फिरंगी बाजार में लोकनाथ मंदिर, मनसा माता मंदिर और हजारी लेन में काली माता मंदिर शामिल हैं। दरअसल, यह घटनाक्रम बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का हिस्सा है। जो इसी साल 5 अगस्त को तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को तख्तापलट में अपदस्थ किए जाने के बाद से खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। बता दें कि, हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुए, जब हिंदुओं ने इस्लामवादी कट्टरपंथियों द्वारा संगठित हमलों के जवाब में बड़ी संख्या में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।

हिंदू अल्पसंख्यकों पर बढ़ा हमला

बता दें कि, यह विरोध प्रदर्शन मुख्य रूप से इस्कॉन द्वारा आयोजित किए गए थे। वहीं विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर, प्रमुख हिंदू नेता और इस्कॉन भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार (25 नवंबर) को ढाका हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया। वहीं बांग्लादेश की सेना ने बांग्लादेश के ठाकुरगांव में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमला किया। दरअसल, प्रदर्शनकारी चिन्मयानंद दास की रिहाई के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच, इस्कॉन बांग्लादेश ने अपने नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की निंदा की है और कहा है कि वे बांग्लादेश के विभिन्न क्षेत्रों में सनातनियों पर हमलों की निंदा करते हैं।

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हिंसा में वकील की मौत

दरअसल, बांग्लादेशी सुरक्षा बलों और हिंदू नेता चिन्मय दास के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प में एक सरकारी वकील की मौत हो गई। साथ ही कई अन्य घायल हो गए। यह झड़प चटगांव कोर्ट द्वारा जमानत देने से इनकार किए जाने और जेल भेजे जाने के बाद हुई। ढाका ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित की पहचान 35 वर्षीय सहायक सरकारी वकील और चटगांव जिला बार एसोसिएशन के सदस्य सैफुल इस्लाम के रूप में हुई है।

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