India News (इंडिया न्यूज), Tension in Israel: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ उनके देश में गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। राजधानी तेल अवीव में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। अब वे एक और संकट से घिर गए हैं, जिसने बेंजामिन नेतन्याहू की नींद उड़ा दी है। दरअसल, इस संकट की कमान विपक्षी खेमे ने संभाल ली है। बता दें कि, नेतन्याहू ने गाजा पर हमले तेज करने का आदेश जारी किया है। वहीं लेबनान में भी जमीनी ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। इस बीच बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ विरोध बढ़ता जा रहा है, लेकिन अब बेंजामिन नेतन्याहू एक और संकट से घिर गए हैं।
क्यों परेशान हैं नेतन्याहू
दरअसल, यह संकट इतना बड़ा है कि उनका तख्तापलट भी हो चुका है, जबकि वे पहले से ही योआव गैलेंट के विद्रोह का सामना कर रहे हैं। नेतन्याहू के एक करीबी के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि पीएम हाउस के प्रवक्ता एली फेल्डस्टीन के खिलाफ सुरक्षा संबंधी दस्तावेज लीक करने का मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में सजा सात साल तक हो सकती है। बता दें कि, फेल्डस्टीन को नेतन्याहू का करीबी बताया जाता है, इसलिए उनके विरोधी उन्हें घेरने की कोशिश कर रहे हैं और इस मामले पर जवाब मांग रहे हैं। इसे लेकर तेल अवीव में प्रदर्शन भी किया गया। कहा जा रहा है कि फेल्डस्टीन पिछले 2 साल से नेतन्याहू के प्रवक्ता थे। उन्हें गाजा और लेबनान युद्ध से जुड़ी हर जानकारी पता थी, इसलिए आरोप लगाया जा रहा है कि फेल्डस्टीन ने सारी जानकारी लीक की।
क्या है इजरायली पीएम की चुप्पी की वजह?
बता दें कि, एक आईडीएफ कमांडर पर भी गाजा में गुप्त ऑपरेशन की जानकारी लीक करने का संदेह है। हालांकि फेल्डस्टीन को इस मामले में 27 अक्टूबर को गिरफ्तार भी किया जा चुका है, लेकिन नेतन्याहू खेमा कह रहा है कि इस मामले को अचानक फिर से उठाने के पीछे की वजह विरोधियों की साजिश है, क्योंकि उनके के विरोधी नेतन्याहू के खिलाफ गुस्से को और बढ़ाना चाहते हैं, ताकि उन्हें उखाड़ फेंका जा सके। इसमें योआव गैलेंट और उनकी सरकार के कुछ पूर्व मंत्री शामिल हैं, लेकिन नेतन्याहू चुपचाप सब कुछ देख रहे हैं, क्योंकि उनका निशाना गाजा और लेबनान है।
Sambhal हिंसा मामले में कूदे Rahul Gandhi, पकड़ ली PM Modi की सबसे बड़ी गलती?