Hindi News / International / Terrorists Eat This Thing Made For Children Before Wreaking Havoc Armies Around The World Were Stunned After This Revelation

तबाही मचाने से पहले बच्चों के लिए बनाई गई ये चीज खाते हैं आतंकवादी, खुलासे के बाद सन्न रह गई दुनिया भर की आर्मी 

बता दें कि ड्रग के उपभोक्ताओं को कई बार पता ही नहीं होता कि वे क्या ले रहे हैं। कुछ इसे पार्टी ड्रग समझकर लेते हैं, लेकिन इसके परिणाम बेहद खतरनाक हो सकते हैं।

BY: Divyanshi Singh • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज),Captagon Drug:जंग के साथ-साथ दुनिया भर में लगातार आतंकी हमले बढ़ रहे हों। कई बात तो छोटे उम्र के लड़को को आतंकी सुसाइड बमर के रूप में इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए आतंकवादियों को जब किसी मिशन पर भेजा जाता है तो ना सिर्फ उन्हे हथियार दिए जाते हैं बल्कि उनकी मानसिक स्थिति को पूरी तरह बदल दिया जाता है। हमले के दौरान उनमें डर, दर्द या पछतावे का नामोनिशान नहीं होता। आपको लगता होगा कि ये सख्त ट्रेनिंग का नतीजा है। लेकिन आपको बता दें कि इसके पीछे एक खतरनाक नशा भी होता है। ये नशा है एक टैबलेट का, जो आंतकियों को भूख, थकान, नींद और दर्द से बेपरवाह बना देती है। इस टैबलेट का नाम कैप्टागन है।7 अक्टूबर 2023 को जब हमास के लड़ाकों ने इजरायल पर बड़ा हमला किया तो कैप्टागन एक बार फिर चर्चा में आ गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक हमास के आतंकियों ने हमले से पहले यह टैबलेट ली थी। इजरायल में अब इसे नुकबा ड्रग कहा जाता है। यह वही नुकबा है जिसे हमास की खास आतंकी इकाई माना जाता है और जिसने 7 अक्टूबर को इजरायली नागरिकों पर हमला किया था। तो चलिए जानते हैं कि आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला ये टैबलेट क्यों बना था और इसके बैन होने के बाद भी आतंकवादियों को ये कहां से मिलता है।

कैप्टागन क्या है?

आपको जान कर हैरानी होगी कि कैप्टागन को सबसे पहले बच्चों के लिए बनाया गया था। कैप्टागन का रासायनिक नाम फेनेथिलीन है। इसे 1960 के दशक में बच्चों में ध्यान संबंधी विकारों के इलाज के लिए बनाया गया था। यह थकान को कम करता है, भूख को दबाता है, आत्मविश्वास बढ़ाता है और प्रदर्शन को बेहतर बनाता है।

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तबाही मचाने से पहले बच्चों के लिए बनाई गई ये चीज खाते हैं आतंकवादी

इस वजह से किया गया बैन

यही कारण है कि 1990 के दशक में कुछ ओलंपिक एथलीटों ने इसका दुरुपयोग किया। लेकिन इसके नशे की लत के कारण, इसे 1980 के दशक के मध्य में प्रतिबंधित कर दिया गया था।

‘गरीबों का कोकेन’

बैन होने के बाद यह दवा अवैध रूप से ब्लैक मार्केट में आने लगी। इसे ‘गरीबों का कोकेन’ इसलिए कहा गया क्योंकि यह कोकेन से बहुत सस्ता है और लैब में बनता है। इसकी कीमत आधी से भी कम है लेकिन नुकसान बहुत ज़्यादा है। इसे पहचानने का एक तरीका है, गोलियों पर दो आधे चाँद के निशान होते हैं और दूसरी तरफ़ एक स्कोर लाइन होती है।

इस मुस्लिम देश में बनाई जाती है ये दवा

ISIS के गढ़ सीरिया सीरिया और लेबनान में यह दवा सबसे ज़्यादा बनती है। सीरिया के तानाशाह बशर अल-असद के भाई माहेर अल-असद के नेतृत्व में सीरिया कैप्टागॉन का पावरहाउस बन गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक़, सिर्फ़ इस दवा के ज़रिए हर साल 5 बिलियन डॉलर तक की कमाई की जाती थी। इसे आतंकी संगठनों को सप्लाई किया जाता है। क्योंकि यह दवा भूख, नींद और डर को दबा देती है। इससे लड़ाके लंबे समय तक लड़ सकते हैं और दर्द भी कम महसूस करते हैं।

इन जगहों पर मिला सबूत

यह दवा 2015 के पेरिस हमले में शामिल ISIS के आतंकियों के पास भी मिली थी। 7 अक्टूबर 2023 के हमले में भी आतंकियों के पास से यह टैबलेट बरामद की गई थी। हालांकि, इजरायली अधिकारियों का कहना है कि हमले से पहले से ही यह दवा इजरायल में मौजूद थी। इसे गाजा में भी तस्करी करके लाया गया था, जहां इसे आतंकियों और सुरंग खोदने वाले हमलावरों को दिया गया था। इसे एलेनबी ब्रिज, नित्ज़ाना बॉर्डर और केरेम शालोम जैसे हाई-रिस्क बॉर्डर क्रॉसिंग के ज़रिए लाया गया था।

4 लाख टैबलेट भेजे  गए गाजा

दिसंबर 2023 में देहीशेह रिफ्यूजी कैंप की दो महिलाएं एलनबी ब्रिज से 4 किलो कैप्टागॉन के साथ पकड़ी गईं थी। वहीं दिसंबर 2020 में नित्ज़ाना बॉर्डर पर 75,000 टैबलेट और 1,000 किलो तंबाकू पकड़ा गया जिसे कैप्टागॉन पाइप में छिपाया गया था। केरम शालोम में टर्की से आए कार्गो में महिलाओं के सैंडल की हील में कैप्टागॉन को छिपा कर लाया गया था। 2020 में लगभग 4 लाख टैबलेट एक फर्जी शिपमेंट में छिपाकर गाज़ा भेजे जा रहे थे।

ड्रग के खतरनाक पहलू 

बता दें कि ड्रग के उपभोक्ताओं को कई बार पता ही नहीं होता कि वे क्या ले रहे हैं। कुछ इसे पार्टी ड्रग समझकर लेते हैं, लेकिन इसके परिणाम बेहद खतरनाक हो सकते हैं। जैसे कि ड्रग का सेवन करने वाले में आक्रामकता, इमोशनल डिटैचमेंट, और मानसिक अस्थिरता जैले लक्षण दिख सकते हैं।

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