India News (इंडिया न्यूज), Srettha Thavisin: थाईलैंड से एक बड़ी खबर सामने आई है जहां की संवैधानिक अदालत ने बुधवार को जेल में बंद एक पूर्व वकील को अपने मंत्रिमंडल में नियुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री श्रीथा थाविसिन को बर्खास्त कर दिया। रियल एस्टेट टाइकून श्रीथा पिछले 16 वर्षों में अदालत के फैसले के कारण अपना पद खोने वाले चौथे थाई प्रधानमंत्री हैं। अदालत ने कहा है कि श्रीथा ने नैतिक मानकों पर खरे नहीं उतरने वाले व्यक्ति को मंत्री नियुक्त कर संविधान का उल्लंघन किया है। अदालत के फैसले के बाद पीएम को हटाए जाने से देश में राजनीतिक उथल-पुथल और सत्तारूढ़ गठबंधन में फेरबदल की संभावना बढ़ गई है। थाईलैंड में फिलहाल उप प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई के कार्यवाहक पीएम के तौर पर कार्यभार संभालने की उम्मीद है।
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पीएम के खिलाफ लगे आरोप हुए साबित
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीथा ने कैबिनेट में शिनावात्रा के पूर्व वकील पिचित चुएनबन की नियुक्ति बरकरार रखी थी, जिन्हें 2008 में अदालत के कर्मचारियों को रिश्वत देने से जुड़े एक मामले में अदालत की अवमानना के लिए कुछ समय के लिए जेल में डाला गया था। हालांकि, उनके खिलाफ रिश्वतखोरी का आरोप साबित नहीं हुआ। इसके बावजूद यह आरोप लगाया गया कि श्रीथा ने पिचित चुएनबन को कैबिनेट पद पर नियुक्त कर संविधान का उल्लंघन किया। संवैधानिक न्यायालय ने इस आरोप को सही पाया।
थाईलैंड मुश्किल दौर से गुजर रहा
बता दें कि, श्रीथा को थाईलैंड का प्रधानमंत्री बने एक साल भी नहीं हुआ है। सत्ता में एक साल से भी कम समय में श्रीथा को हटाने का मतलब है कि नए प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए संसद का सत्र बुलाना होगा। पिछले दो दशकों में तख्तापलट और अदालती फैसलों के कारण कई सरकारें गिर चुकी हैं। एक बार फिर देश में राजनीतिक अनिश्चितता का माहौल बन गया है। श्रीथा की फ्यू थाई पार्टी और उनके पूर्ववर्ती थाईलैंड की उथल-पुथल का खामियाजा भुगत रहे हैं। हाल के वर्षों में थाईलैंड में लगातार सरकारें बदली हैं।
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