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Suicide Pod से हुई पहली आत्महत्या, क्या है ये बिना दर्द के मौत देने वाली मशीन? जान के उड़ जाएंगे होश

India News (इंडिया न्यूज़), What is Suicide Pod: सोमवार को स्विट्जरलैंड में जर्मन सीमा के निकट शांतिपूर्ण इच्छामृत्यु के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले विवादास्पद उपकरण ‘सुसाइड पॉड’ (Suicide Pod) के इस्तेमाल से एक अमेरिकी महिला की मौत हो गई, जिससे इस उपकरण के उपयोग के बारे में नैतिक और नैतिक दुविधाओं पर बहस छिड़ गई है। अब इस बीच कई लोगों के मन से सवाल उठ रहें हैं कि इस मशीन में कैसे सुसाइड किया गया? कितना समय लगा? शख्स को दर्द हुआ या नहीं? आखिर क्या है ये सुसाइड पॉड?

जानें क्या है सुसाइड पॉड?

सुसाइड पॉड, जिसे विशेष रूप से सरको पॉड के रूप में जाना जाता है, एक विवादास्पद इच्छामृत्यु उपकरण है, जिसे उन व्यक्तियों की सहायता के लिए डिज़ाइन किया गया है जो अपना जीवन समाप्त करना चाहते हैं। दरअसल, सरको पॉड एक 3डी-प्रिंटेड कैप्सूल है, जो निष्क्रिय गैस श्वासावरोध द्वारा दर्द रहित मृत्यु को प्रेरित करने के लिए नाइट्रोजन गैस का उपयोग करता है। आत्महत्या करने के इरादे से पॉड के अंदर बैठने वाला व्यक्ति बिना किसी चिकित्सा पर्यवेक्षण की आवश्यकता के, खुद ही इस प्रक्रिया को सक्रिय कर सकता है।

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कितने समय में शख्स की हो जाती है मौत?

एक रिपोर्ट के अनुसार, इस उपकरण का आविष्कार सबसे पहले इच्छामृत्यु अभियानकर्ता फिलिप निश्चेके ने शांतिपूर्ण मृत्यु के उद्देश्य से किया था। इसमें लेटकर व्यक्ति 1 मिनट में बिना दर्द के मौत को गले लगा सकेगा। मशीन बनाने वाली कंपनी ने यह दावा किया है। इस मशीन को बनाने का आइडिया जिस व्यक्ति को आया, उसे ‘डॉक्टर डेथ’ के नाम से भी जाना जाता है। आप जो मशीन देख रहे हैं, उसे स्विट्जरलैंड में बनाया गया। ताबूत के आकार की इस मशीन को स्विस सरकार ने कानूनी मंजूरी दे दी थी।

मशीन के अंदर ऑक्सीजन का स्तर बहुत कम हो जाता है, जिससे व्यक्ति हाइपोक्सिया और हाइपोक्सिया से मर जाता है। इस मशीन को अंदर बैठकर भी ऑपरेट किया जा सकता है। इस मशीन की मदद से लोग सिर्फ 1 मिनट में बिना दर्द के शांति से मौत को गले लगा सकेंगे। स्विट्जरलैंड में 1942 से इच्छामृत्यु को कानूनी मान्यता मिली हुई है।

इन लोगों के लिए बनाया गया है सुसाइड पॉड

आपको बता दें कि यह मशीन हर किसी के लिए नहीं बनी है। इस मशीन की मदद से गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीज बिना दर्द के शांति से मौत को गले लगा सकेंगे। यह मशीन ऐसे मरीजों के लिए मददगार है, जो बीमारी के कारण बोल या हिलने-डुलने में असमर्थ हैं। इस सुसाइड मशीन को बनाने का आइडिया गैर-लाभकारी संगठन एग्जिट इंटरनेशनल के निदेशक और ‘डॉक्टर डेथ’ के नाम से मशहूर डॉ. फिलिप निट-श्के ने दिया है।

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64 वर्षीय अमेरिकी महिला ने सुसाइड पॉड का किया इस्तेमाल

स्विस पुलिस ने घोषणा की है कि आत्महत्या के लिए सुसाइड पॉड का उपयोग पहली बार किया गया है, जिसमें एक महिला की ‘सुसाइड कैप्सूल’ में संदिग्ध मौत के बाद आपराधिक जांच शुरू की गई है और कई व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि यह घटना सोमवार दोपहर को हुई, जिसमें जर्मन सीमा के करीब मेरिशौसेन शहर के पास एक जंगल में सरको पॉड नामक एक विवादास्पद उपकरण का उपयोग किया गया था। अब नैतिक चिंताओं और दुरुपयोग की संभावना के कारण इस उपकरण पर बहस छिड़ गई है।

मृतक की पहचान 64 वर्षीय अमेरिकी महिला के रूप में हुई है। स्विट्जरलैंड दुनिया के उन कुछ देशों में से एक है, जहां सहायता प्राप्त आत्महत्या कानूनी है, लेकिन केवल विशिष्ट परिस्थितियों में। यह सरको पॉड का पहला ज्ञात उपयोग है, जिसने अपनी विधि और चिकित्सा पर्यवेक्षण की कमी के कारण महत्वपूर्ण बहस छेड़ दी है।

Nishika Shrivastava

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