India News (इंडिया न्यूज),Pakistan:पाकिस्तान और चीन नाम के दोस्त हैं, लेकिन उनकी दोस्ती एक दूसरे से लाभ कमाने के लिए है। इन दोनों देशों के बीच दोस्ती की सबसे बड़ी वजह इनका भारत विरोधी एजेंडा है। पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देता है, जबकि चीन इसमें उसका पूरा साथ देता है। लेकिन अब जब पाकिस्तान का आतंकवाद चीन को नुकसान पहुंचा रहा है, तो ड्रैगन बौखला गया है। चीन ने बढ़ती आतंकी घटनाओं को लेकर पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई है। दरअसल, पिछले 6 महीने में पाकिस्तान में चीनी अधिकारियों को निशाना बनाकर 2 आतंकी हमले हुए हैं।
पाकिस्तान को फटकार
चीन के राजदूत जियांग जैदोंग ने इन हमलों को लेकर पाकिस्तान सरकार से नाराजगी जताई है। उन्होंने शाहबाज सरकार से चीन विरोधी आतंकी संगठनों के मामलों में निर्णायक कार्रवाई करने को कहा है। पाकिस्तानी मीडिया द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, ‘चाइना@75’ सेमिनार में चीनी राजदूत ने चीनी अधिकारियों पर हुए आतंकी हमलों पर नाराजगी जताई है और सुरक्षा प्रोटोकॉल को बेहतर बनाने को कहा है।दरअसल, सुरक्षा मामलों को लेकर चीन की चिंताएं इसलिए बढ़ गई हैं, क्योंकि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग जल्द ही पाकिस्तान दौरे पर आने वाले हैं। इस साल मार्च में और अब अक्टूबर के पहले हफ्ते में चीनी अधिकारियों को निशाना बनाकर दो आतंकी हमले किए गए, जिसका राजदूत जियांग झिदोंग ने खंडन किया है और कहा है कि चीन को उम्मीद है कि पाकिस्तान चीनी नागरिकों, संस्थाओं और परियोजनाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाएगा।
चीन विरोधी आतंकी समूहों को खत्म करने पर जोर
जियांग ने सुरक्षा चिंताओं को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के लिए प्राथमिक चुनौती बताया है और कहा है कि सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण के बिना कोई भी लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता। उन्होंने पाकिस्तान में चीन विरोधी तत्वों को सख्त सजा देने और चीन विरोधी आतंकी समूहों को खत्म करने पर जोर दिया।जियांग ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग चीनी लोगों की सुरक्षा और जीवन को पहली प्राथमिकता देते हैं। उन्हें पाकिस्तान में मौजूद चीनी नागरिकों की बहुत चिंता है। जब भी जिनपिंग पाकिस्तानी अधिकारियों से मिलते हैं, तो उन्हें चीनी लोगों, संस्थाओं और परियोजनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहते हैं।द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, यह सेमिनार पाकिस्तान चाइना इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें दोनों देशों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। चीन की ओर से जियांग झिदोंग और पाकिस्तान की ओर से उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने भाषण दिए।
पाकिस्तान ने क्या कहा ?
डिप्टी पीएम इशाक डार ने पाकिस्तान द्वारा चलाए जा रहे आतंकवाद विरोधी अभियानों की पुष्टि की और कहा कि राष्ट्रपति जिनपिंग और आसिफ अली जरदारी के बीच होने वाली बैठक में पाकिस्तान के प्रयासों पर अपडेट दिया जाएगा। अपनी नाकामी छिपाने के लिए इशाक डार ने कहा कि कुछ ताकतें पाकिस्तान और चीन की दोस्ती को पचा नहीं पा रही हैं, इसलिए चीनी अधिकारियों पर हमले बढ़ रहे हैं।
चीनी अधिकारियों हमले
इस साल मार्च में उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में चीनी अधिकारियों को निशाना बनाकर आत्मघाती हमला किया गया था, जिसमें 5 चीनी इंजीनियर और उनके पाकिस्तानी ड्राइवर की मौत हो गई थी। यह हमला उस समय हुआ था, जब चीनी अधिकारी देश की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना दासू बांध की ओर जा रहे थे।दूसरी ओर, 6 अक्टूबर को कराची एयरपोर्ट के बाहर हुए धमाके में 2 चीनी कर्मचारियों की मौत हो गई थी और 8 लोग घायल हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली थी।
दरअसल, पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के लोग लगातार चीन का विरोध करते आ रहे हैं। यह पाकिस्तान का सबसे बड़ा और संसाधन संपन्न प्रांत है, लेकिन पाकिस्तानी शासकों की लापरवाही के कारण यह बेहद गरीब है। पाकिस्तान सरकार ने यहां बड़ी-बड़ी चीनी परियोजनाएं शुरू की हैं, लेकिन इसमें बलूचिस्तान के लोगों को न तो रोजगार मिला है और न ही उनकी आर्थिक स्थिति में कोई सुधार हुआ है, जिसके कारण लोग पाकिस्तान सरकार के साथ-साथ चीन से भी बेहद नाराज हैं।