विदेश

पास में ही समुद्र फिर लॉस एंजिल्‍स में आग बुझाने के लिए कैसे हुई पानी की कमी? पीछे की वजह जान उड़ जाएगा होश

India News (इंडिया न्यूज),Los Angeles Fire: अमेरिका के लॉस एंजिल्‍स में 7 जनवरी को लगी आग बुझने का नाम नहीं ले रही है। यह आग लगातार बढ़ती जा रही है और अब तक 36 हजार एकड़ से ज्‍यादा इलाके को अपनी चपेट में ले चुकी है। यह आग इतनी भयानक है कि 10 हजार से ज्‍यादा घर तबाह हो चुके हैं और आग से मरने वालों की संख्‍या बढ़कर 16 हो गई है, करीब 13 लोग लापता बताए जा रहे हैं। लॉस एंजिल्‍स में लगी आग बुझाने में जुटे अधिकारियों के सामने सबसे बड़ी समस्‍या पानी की कमी है। कुछ रिपोर्ट्स में अधिकारियों ने माना है कि पानी की कमी की वजह से उनके फायर हाइड्रेंट पूरी तरह सूख चुके हैं। यह बात अजीब लग सकती है क्‍योंकि सैटेलाइट इमेज से पता चला है कि जिस जगह पर यह आग लगी है, वहां से प्रशांत महासागर सिर्फ एक मील की दूरी पर है।

समुद्र के पानी का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रही है सरकार ?

पास में पानी का इतना बड़ा भंडार मौजूद है, तो अमेरिकी प्रशासन ने अब तक इसका इस्‍तेमाल क्‍यों नहीं किया? आइए जानते हैं… क्‍या समुद्र के पानी से आग बुझाई जा सकती है? सबसे पहला सवाल यह है कि क्‍या समुद्र के पानी से आग बुझाई जा सकती है? इसका जवाब है- हां, आग बुझाने के लिए समुद्र के पानी का इस्‍तेमाल किया जा सकता है, लेकिन यह इतना आसान नहीं है, जितना लगता है। सैद्धांतिक रूप से, आग बुझाने के लिए समुद्री पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, इसके नमकीन तत्व फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं। यही वजह है कि जब तक बहुत जरूरी न हो, अग्निशमन विभाग इसका इस्तेमाल नहीं करता।

अब सवाल यह है कि इतनी बड़ी आग लगने के बावजूद अभी तक समुद्री पानी का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया? दरअसल, नमक संक्षारक होता है, जिसे कास्टिक भी कहा जा सकता है। इसलिए, अब तक इस आग को बुझाने के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया गया है, क्योंकि यह फायर पंप, वॉटर डंपिंग प्लेन जैसे जरूरी उपकरणों समेत धातु के उपकरणों को नुकसान पहुंचा सकता है। Technology.org के मुताबिक, नमक पानी के कूलिंग इफेक्ट को भी कम कर सकता है, यानी नमक का पानी अग्निशमन उपकरण के तौर पर कम मददगार हो सकता है, साथ ही यह अग्निशमन कर्मियों के लिए खतरनाक भी हो सकता है।

पर्यावरणीय स्वास्थ्य

आग बुझाने के लिए समुद्री खारे पानी का इस्तेमाल पर्यावरणीय स्वास्थ्य के लिए भी चिंता का विषय है। दरअसल, पानी में मिला नमक या तो जमीन में मिल जाता है या फिर दूसरे जल निकायों में बह जाता है। ऐसे में यह उन जगहों को बंजर बना सकता है, जहां बहुत ज्यादा वनस्पति होती है। नमक के मिलने से मिट्टी की लवणता बढ़ जाएगी, जिससे पौधों के लिए परासरण के माध्यम से मिट्टी से पानी और पोषक तत्व खींचना कठिन हो जाएगा।

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Divyanshi Singh

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