India News (इंडिया न्यूज),Pakistan:पाकिस्तान ने बलूचिस्तान प्रांत में ट्रेन अपहरण की घटना के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शुक्रवार को पाकिस्तान द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि देश को अपनी आंतरिक समस्याओं के लिए खुद के भीतर झांकना चाहिए।
पाकिस्तान ने क्या कहा था ?
बता दें गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने ट्रेन अपहरण के लिए अफगानिस्तान को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने अफगानिस्तान से ट्रेस किए गए कॉल के सबूत पेश किए। जब उनसे आतंकवादी हमलों को लेकर अफगानिस्तान के प्रति भारत के रुख में आए बदलाव के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने अपना रुख बरकरार रखते हुए कहा कि कोई नीतिगत बदलाव नहीं हुआ है। उन्होंने भारत के बारे में आगे कहा कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद को प्रायोजित करने में शामिल है।
पाकिस्तान को मिला करारा जवाब
भारत ने करारा जवाब दिया पाकिस्तान द्वारा लगाए गए इन आरोपों पर अब भारत के विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है। 11 मार्च के हमले के बाद से पाकिस्तान की सेना, सरकार और मीडिया सहयोगियों ने ट्रेन हमले में अप्रत्यक्ष रूप से भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया है, जबकि अपनी सेना और खुफिया सेवाओं द्वारा सुरक्षा में की गई चूक को नजरअंदाज किया है और हमले के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की है।
विदेश मंत्रालय ने कही ये बात
पाकिस्तान की टिप्पणियों पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम पाकिस्तान द्वारा लगाए गए बेबुनियाद आरोपों को खारिज करते हैं। पूरी दुनिया जानती है कि वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है। पाकिस्तान को अपनी आंतरिक समस्याओं और विफलताओं के लिए दूसरों पर उंगली उठाने और दोषारोपण करने के बजाय खुद के भीतर झांकना चाहिए।”
अफगानिस्तान ने भी दिया जवाब
पाकिस्तान ने न केवल भारत बल्कि अफगानिस्तान पर भी अपहरण का आरोप लगाया है। जवाब में, अफगान विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर पाकिस्तान के दावों को खारिज कर दिया और उनसे बेबुनियाद आरोप लगाने के बजाय अपनी आंतरिक सुरक्षा चिंताओं को दूर करने का आग्रह किया।
11 मार्च को हुआ था अपहरण
पाकिस्तान में 11 मार्च को जाफर एक्सप्रेस ट्रेन का अपहरण कर लिया गया था। इस अपहरण के बाद से देश की सरकार बिना नाम लिए भारत पर आरोप लगा रही है और अपनी विफलताओं को छिपाने की कोशिश कर रही है। अपहरण के समय ट्रेन में 450 से अधिक यात्री सवार थे। 11 मार्च को जाफर एक्सप्रेस की घटना में 450 से अधिक यात्री शामिल थे, जिसमें 58 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें 21 यात्री, चार सैनिक और अलगाववादी संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के 33 आतंकवादी शामिल थे। पाकिस्तान लगातार भारत पर बलूचिस्तान में अशांति पैदा करने के लिए बीएलए जैसे समूहों का समर्थन करने का आरोप लगाता है, भारत की ओर से इन आरोपों का खंडन किया जाता रहा है। पाकिस्तान में हर दिन की तरह 11 मार्च को भी जाफर एक्सप्रेस क्वेटा से पेशावर के लिए रवाना हुई थी। किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि जब ट्रेन बालोन पहाड़ी में एक सुरंग से गुजरेगी तो उस पर हमला हो जाएगा। जैसे ही ट्रेन सुरंग से गुजरी, घात लगाए बैठे बीएलए के हथियारबंद आतंकवादियों ने उस पर हमला कर दिया।
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