India News (इंडिया न्यूज),Military Drill: मध्य पूर्व में पिछले एक साल से चल रहे तनाव ने दुनिया के कई देशों की विदेश नीति को प्रभावित किया है। क्षेत्र के मिलिशिया और इजरायल के बीच इस युद्ध में अब ईरान भी सीधे तौर पर शामिल हो गया है। हूथियों ने पहले ही अदन की खाड़ी को इजरायल से जोड़ने वाले लाल सागर पर घेराबंदी कर रखी है। अब ईरान भी लाल सागर में अपनी सेना उतारने जा रहा है।
ईरानी मीडिया के मुताबिक, ईरान और सऊदी अरब लाल सागर में संयुक्त सैन्य अभ्यास करने की योजना बना रहे हैं। रियाद की ओर से इस खबर की पुष्टि नहीं की गई है। मध्य पूर्व में यह घटनाक्रम दर्शाता है कि क्षेत्र के दो बड़े प्रतिद्वंद्वी एक दूसरे के करीब आ रहे हैं। 2016 में दोनों देशों ने राजनयिक संबंध तोड़ लिए थे, हालांकि पिछले साल दोनों देशों ने चीन की मध्यस्थता में संबंध बहाल कर लिए हैं।
ईरानी समाचार एजेंसी ISNA ने ईरान के नौसेना कमांडर एडमिरल शाहराम ईरानी के हवाले से बताया कि सऊदी अरब ने ईरान से लाल सागर में संयुक्त अभ्यास करने को कहा है। एडमिरल शाहराम ने कहा, “अभ्यास के लिए दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बातचीत चल रही है और जल्द ही इसका आयोजन किया जाएगा।” हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया है कि यह अभ्यास कब किया जाएगा।
हूती विद्रोही
पिछले साल नवंबर से ईरान समर्थित हूती विद्रोही लाल सागर और अदन की खाड़ी में इजरायल और अमेरिका के जहाजों पर हमला कर रहे हैं। जिसके बारे में उनका कहना है कि यह गाजा में इजरायल-हमास युद्ध में फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने का एक तरीका है और गाजा युद्ध विराम तक जारी रहेगा।
हूती ने इजरायल के शहरों पर मिसाइलें भी दागी हैं, जिसके जवाब में इजरायल ने पिछले महीने पश्चिमी यमन में कई हवाई हमले किए।
सऊदी अरब और हूती विद्रोही
सऊदी अरब और हूतियों के बीच भी खराब संबंध रहे हैं। 2015 में यमन की राजधानी सना पर कब्जे के बाद से सऊदी-सहयोगी बलों ने हूती ठिकानों पर हमले किए हैं, हालांकि 2022 में दोनों पक्षों ने चीन की मध्यस्थता में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
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