इंडिया न्यूज, न्यूयॉर्क :
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से पहले सरकार विरोधी तत्वों ने देश में 18 आत्मघाती हमले किए थे। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बुधवार को रिपोर्ट जारी कर बताया कि 16 मई से 31 जुलाई के बीच अफगानिस्तान में हुए 18 आत्मघाती हमलों में से 16 हमले ऐसे थे जिनमें कार में विस्फोटक रखकर अफगान सुरक्षाबलों को निशाना बनाया गया था।
इसके अलावा राजधानी काबुल में 14 चुंबकीय विस्फोटक उपकरणों का इस्तेमाल कर 68 अटैक किए गए। हमलों में देश के कई बड़े अधिकारी भी इस हमले में मारे गए। आतंकियों ने 30 मई को शहरी विकास और भूमि मंत्रालय के नीति और योजना निदेशक की काबुल में हत्या कर दी। वहीं तीन जून को उलेमा शूरा के डिप्टी हेरात में मारे गए। अदालत प्रांतीय अभियोजक और सरकार समर्थक धार्मिक स्कॉलर 12 जून को लोगर में मारे गए। यूएन की रिपोर्ट में बताया गया है कि इराक में इस्लामिक स्टेट और लेवंत खुरासान (करकछ-ङ) के हमलों में भी वृद्धि हुई। संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि जहां साल 2020 में 16 मई और 18 अगस्त के बीच केवल 15 हमले हुए थे वहीं इस साल इसी महीने के दौरान 88 हमले दर्ज किए। इसके अलावा एक मई से 23 प्रांतों में प्रांतीय पुलिस प्रमुखों के प्रतिस्थापन के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय और प्रांतीय अफगान राष्ट्रीय सेना कमांडरों के कई प्रांतीय प्रमुखों का तबादला भी किया गया था। वहीं अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुटेरेस ने कहा कि दुनिया अफगानिस्तान में होने वाली घटनाओं पर भारी मन और गहरी बेचैनी के साथ देख रही है कि आगे क्या होगा।