India News (इंडिया न्यूज),Sheikh Hasina: शेख हसीना के देश छोड़ के जान के बाद से बांग्लादेश में लगातार अल्पसंख्यकों पर हिंसा जारी है। अब एक हैरान करने वाला मामला सामने आया हैं जहां बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आवामी लीग से जुड़ी दो महिलाओं पर बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के लोगों ने हमला किया और उन्हें शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी कार्यकर्ताओं और छात्र समूहों ने महिलाओं पर हमला किया। इस प्रदर्शन के दौरान आवामी लीग समर्थक मौजूदा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। 10 नवंबर को ढाका में आवामी लीग के प्रदर्शन के दौरान इन महिलाओं पर हमला किया गया। इन घटनाओं की वजह से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस की सरकार के माथे पर बल पड़ गए हैं। गौरतलब है कि रविवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हिंसक दृश्य देखने को मिले। जब छात्र समूहों और सरकार समर्थक संगठनों ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग द्वारा घोषित विरोध प्रदर्शन का विरोध किया। पिछली सरकार के पतन में अहम भूमिका निभाने वाले छात्र समूहों ने शहर भर में आवामी लीग के कई कार्यकर्ताओं पर हमला किया। छात्रों ने आवामी लीग के सदस्यों को महत्वपूर्ण स्थानों पर इकट्ठा होने से रोका। जिसकी वजह से शेख हसीना की सरकार गिरने के तीन महीने बाद ताकत दिखाने की उनकी कोशिश नाकाम हो गई।
10 लोगों पर हमला
बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उन्होंने लीग से जुड़े होने के संदेह में अकेले गुलिस्तान इलाके में दो महिलाओं सहित कम से कम 10 लोगों पर हमला किया। कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस के हवाले कर दिया गया। खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों के साथ मिलकर आवामी लीग के कार्यालयों, ढाका मुख्यालय और अन्य संभावित विरोध स्थलों पर कब्जा कर लिया था। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, छात्रों के साथ मिलकर काम कर रहे बीएनपी कार्यकर्ताओं ने कई होटलों पर छापा मारा और सैकड़ों वाहनों की तलाशी ली, जिसमें लगभग 50 लोगों को हिरासत में लिया गया।
प्रदर्शन की अनुमति देने से किया इनकार
आवामी लीग के नेताओं ने समर्थकों, पार्टी सदस्यों और भूमिगत समूहों से अपील की थी कि वे अपने नेताओं के खिलाफ कथित झूठे आरोपों, छात्र विंग छात्र लीग पर प्रतिबंध और पार्टी कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए गुलिस्तान, जीरो पॉइंट और नूर हुसैन स्क्वायर जैसे प्रमुख स्थानों पर इकट्ठा हों। मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाले प्रशासन ने किसी भी प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया, अवामी लीग को एक फासीवादी संगठन करार दिया और चेतावनी दी कि सरकार हिंसा भड़काने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेगी।
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