India News (इंडिया न्यूज), Trump Stop Funding to Ukraine : डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से दुनिया के कई देशों में चिंता छाई हुई है। इसमें सबसे ऊपर यूक्रेन का नाम है। और लगता है कि उसकी टेंशन आने वाले समय में और भी ज्यादा बढ़ने वाली है। असल में शुक्रवार को अमेरिका के विदेश विभाग ने लगभग सभी विदेशी वित्तपोषण पर रोक लगा दी है और अपवाद के तौर पर सिर्फ मानवीय खाद्य कार्यक्रमों और इस्राइल और मिस्त्र को मदद जारी रखी जाएगी। लेकिन इसमें यूक्रेन का नाम दूर-दूर तक नहीं है। नए आदेश के बाद से अमेरिका दुनियाभर में स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास, नौकरी प्रशिक्षण की जो भी मदद देता है, उन पर तत्काल प्रभाव से रोक लग जाएगी।
यूक्रेन पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर
डोनाल्ड ट्रंप के विदेशी वित्तपोषण पर रोक के फैसले के बाद इसका सबसे ज्यादा असर यूक्रेन पर देखने को मिलेगा। इस वक्त रूस के साथ जंग लड़ रहे जेलेंसकी पूरी तरह से अमेरिका और वैस्टर्न देशों की मदद पर निर्भर हैं। ये कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि यूक्रेन ये जंग तभी तक लड़ सकता है, जब तक उसे इन देशों से मदद मिल रही है। एक बार मदद बंद हो गई, तो फिर यूक्रेन ज्यादा समय तक रूस के सामने टिक नहीं पाएगा। हालांकि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन पहले ही बड़ी मात्रा में यूक्रेन के लिए फंडिंग की मंजूरी दे गए हैं, लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग के फैसले से नई फंडिंग पर रोक लग गई है। ऐसे में यूक्रेन के सामने भारी चुनौती आने वाली है।
विदेश विभाग समीक्षा के बाद लेगा फिर से फैसला
रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी विदेश विभाग इस बात की समीक्षा करेगा कि कौन सी अमेरिकी सहायता और विकास कार्यक्रमों को जारी रखा जा सकता। दूतावासों को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि फंडिंग रोकने का फैसला यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि फंडिंग प्रभावी हो और राष्ट्रपति ट्रंप की विदेश नीति के अनुरूप हो। इसको लेकर तीन महीने के अंदर विदेश विभाग की समीक्षा पूरी होने की उम्मीद है और इसके बाद राष्ट्रपति से सिफारिशें करने के लिए कि कौन सी विदेशी सहायता जारी रखी जाए और कौन सी बंद कर दी जाएं, इस संबंध में विदेश विभाग एक रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसे विदेश मंत्री मार्को रूबियो, राष्ट्रपति ट्रंप के सामने पेश किया जाएगा।