India News (इंडिया न्यूज), Pakistan MNNA Status:ट्रंप के एक और दोस्त एंडी बिग्स ने पाकिस्तान से गैर-नाटो सहयोगी (MNNA Status) का दर्जा छीनने की बात कही है। इतना ही नहीं, वह एक बिल लेकर आए हैं और चाहते हैं कि पाकिस्तान से यह दर्जा तुरंत छीन लिया जाए। अगर ऐसा हुआ तो पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़नी तय हैं, क्योंकि MNNA Status की वजह से उसे गोला-बारूद, सेना की ट्रेनिंग और करोड़ों रुपए मिल रहे थे। पाकिस्तान कई बार इस पैसे और हथियारों का इस्तेमाल कश्मीर में हिंसा भड़काने के लिए करता रहा है। लेकिन विशेष दर्जा छिन जाने की वजह से पाकिस्तान खूनी खेल नहीं खेल पाएगा।
यह दर्जा पाकिस्तान को तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने 2024 से दिया था। लेकिन तब चार शर्तें भी लगाई गई थीं। कहा गया था कि अगर पाकिस्तान इन चार शर्तों का पालन नहीं करता है तो उससे विशेष दर्जा छीन लिया जाएगा। ये शर्तें थीं कि पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क के ठिकानों को नष्ट कर देगा। वह अपने देश में हक्कानी नेटवर्क के आतंकवादियों को पनाह नहीं देगा। अफगानिस्तान सीमा पर आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए पाकिस्तान अफगानिस्तान के साथ सहयोग करेगा। इतना ही नहीं, हक्कानी नेटवर्क के नेताओं को गिरफ्तार करके उन पर मुकदमा चलाया जाएगा।
विशेष दर्जे के तहत अमेरिका पाकिस्तान को सैन्य प्रशिक्षण दे रहा था। उसे हथियार और गोला-बारूद मुहैया करा रहा था। जब भी उसे जरूरत होती थी, वह उसे आर्थिक मदद दे रहा था। इतना ही नहीं, पाकिस्तान अमेरिका का सीधा सहयोगी था। यह उसी तरह का रिश्ता था, जैसा अमेरिका का नाटो सदस्य देशों के साथ है। अब अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य एंडी बिग्स का कहना है कि पाकिस्तान ने हमसे पैसा, सैन्य प्रशिक्षण और गोला-बारूद लिया, लेकिन हमें इसका कोई फायदा नहीं मिला। पाकिस्तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद हक्कानी नेटवर्क वहां की सरकार में है। हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक जलालुद्दीन हक्कानी के बेटे सिराजुद्दीन हक्कानी इस समय अफगानिस्तान के विदेश मंत्री हैं।
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यह बिल क्यों लाया गया?
एंडी बिग्स के नए बिल में कहा गया है कि चूंकि पाकिस्तान इनमें से किसी भी शर्त का पालन नहीं करता है, इसलिए राष्ट्रपति के पास पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी सहायता को रोकने का अधिकार होना चाहिए। ट्रंप पहले ही पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य सहायता रोक चुके हैं। वह किसी भी कीमत पर नहीं चाहते कि पाकिस्तान चीन की गोद में जाकर बैठ जाए और अमेरिका के लिए परेशानी का सबब बने।
इसका भारत कनेक्शन भी है। क्योंकि पाकिस्तान ने हमेशा अमेरिका से मिलने वाली मदद का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया है। चाहे वह गोला-बारूद और हथियारों की बात हो या फिर सैन्य प्रशिक्षण और लड़ाकू विमान मुहैया कराने की। भारत पहले ही अमेरिका को इस बात के लिए आगाह कर चुका है कि अमेरिकी प्रशासन की ओर से जो भी सैन्य उपकरण दिए जाते हैं, पाकिस्तान उसका इस्तेमाल भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए कर रहा है।
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