विदेश

लीक हो गया ट्रंप का बड़ा प्लान,बनाएंगे एक नाया मुस्लिम देश! खुलासे के बाद दुनिया भर में मचा हंगामा

India News (इंडिया न्यूज),US:अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमालिया से अलग हुए सोमालीलैंड को मान्यता दे सकते हैं। 1991 में अफ्रीकी देश सोमालिया में हुए गृहयुद्ध के बाद सोमालिया में सरकार का विरोध करने वाले एक समूह ने अदन की खाड़ी के किनारे देश के उत्तरी हिस्से को सुरक्षित कर लिया था और इसे सोमालीलैंड के रूप में एक नया देश घोषित कर दिया था। भले ही यह क्षेत्र करीब 3 दशकों से सोमालिया से स्वतंत्र रूप से शासन कर रहा है, लेकिन इसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिली है। हालांकि, सोमालीलैंड की रणनीतिक स्थिति के कारण हाल के वर्षों में कई देश इसके करीब आए हैं। इसमें इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे देश शामिल हैं, जिन्होंने सोमालीलैंड के साथ बंदरगाह सौदे किए हैं।

सोमालीलैंड को मान्यता देने के लिए तैयार है ट्रंप प्रशासन

वैश्विक समाचार प्लेटफॉर्म सेमाफोर के अनुसार, अमेरिका में आने वाला ट्रंप प्रशासन सोमालीलैंड को मान्यता देने के लिए तैयार है। हालांकि, इस तरह की मान्यता हॉर्न ऑफ अफ्रीका क्षेत्र को बाधित कर सकती है, जिसमें सोमालिया, इथियोपिया, जिबूती और इरिट्रिया देश शामिल हैं। ट्रंप प्रशासन का यह कदम कम समय में अमेरिका और अफ्रीकी संघ (एयू) के बीच संबंधों को भी बहुत जटिल बना सकता है। हडसन इंस्टीट्यूट के विश्लेषक जोशुआ मेसरवे ने सेमाफोर से बातचीत में कहा है कि, ‘सोमालीलैंड को मान्यता मिलनी चाहिए क्योंकि उन्होंने मौलिक रूप से साबित कर दिया है कि वे अपने देश को अपने दम पर चला सकते हैं और अब इस बात की कोई संभावना नहीं है कि वे स्वेच्छा से सोमालिया लौटेंगे।’

प्रशासन कड़े समझौतों के लिए तैयार

सोमालीलैंड के यिंका एडेगोके के अनुसार, ‘ट्रंप प्रशासन कड़े समझौतों के लिए तैयार है, वह सोमालीलैंड को मान्यता देने के बदले में इस क्षेत्र में अपने रणनीतिक सैन्य और शिपिंग हितों को सुरक्षित करना चाहता है। साथ ही, ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका इस क्षेत्र में चीन से प्रतिस्पर्धा करना चाहता है, यही वजह है कि ट्रंप सरकार सोमालीलैंड को मान्यता दे सकती है।

कूटनीतिक जीत

विदेश संबंध परिषद (सीएफआर) के अनुसार, इस साल की शुरुआत में सोमालीलैंड ने कूटनीतिक तख्तापलट किया था, जब उसने इथियोपिया के साथ 12 किलोमीटर की तटरेखा और बर्बेरा तक पहुंच को 50 साल के लिए वाणिज्यिक और सैन्य उद्देश्यों के लिए पट्टे पर देने का सौदा किया था। सोमालिया ने इथियोपिया और सोमालीलैंड के बीच इस समझौते को अपनी संप्रभुता और सोमालीलैंड की स्वतंत्रता की मान्यता का उल्लंघन माना।हालांकि, बुधवार को तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने इस विवाद को लेकर सोमालिया और इथियोपिया के राष्ट्राध्यक्षों के बीच समझौता करवाया। इसलिए, सोमालीलैंड को लेकर सभी देशों की आगे की रणनीति क्या होगी, यह आने वाले दिनों में पता चलेगा।

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Divyanshi Singh

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