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पाकिस्तान से यारी इस मुस्लिम देश को पड़ी भारी…कश्मीर पर हर बार उगलता था जहर, अब खुद झेला जख्म तो तिलमिला उठे एर्दोगन

Ankita Pandey • LAST UPDATED : October 25, 2024, 8:39 am IST

India News (इंडिया न्यूज), Turkey Terrorist Attack: तुर्की एक ऐसा देश है, जिसने पाकिस्तान के साथ खूब यारी निभाई है चाहे वो कश्मीर मसला हो या आतंकवाद में हर बार उसने पाकिस्तान का साथ दिया है। तुर्की हर मौके पर भारत के खिलाफ पाकिस्तान का ही साथ दिया। भारत जब भी इंटरनेशनल मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की पोल खोलता, तुर्की झट से उसके सपोर्ट में आ जाता था। तुर्की अक्सर कश्मीर मसले पर अक्सर पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाकर जहर उगलता रहता था। लेकिन अब तुर्की को आतंकवाद के जख्म का अहसास हुआ होगा की आतंकवाद झेलने का दर्द कैसा होता है, एर्दोगन को उस वक्त याद आया जब बुधवार को 26/11 मुंबई अटैक जैसे आतंकी हमले से तुर्की की राजधानी अंकारा दहल उठी।

तुर्की की राजधानी अंकारा में हुआ हमला

तुर्की की राजधानी अंकारा में बुधवार को सरकारी एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी पर घातक आतंकी हमला हुआ। इस आतंकी हमले में पांच लोगों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। देश की राजधानी में आतंकियों ने सरेआम गोलीबारी बरसाई थी। इस आतंकी हमले के पीछे कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) का हाथ तुर्की ने बताया है। जिसके बाद तुर्की ने तुरंत अपना बदला लिया और सीरिया-इराक में मौजूद कुर्दिश आतंकियों के ठिकानों पर बमबारी की और उसे तबाह भी कर दिया।

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एर्दोगन को हो गया होगा जख्म का अहसास

अंकारा में हुए इस आतंकी हमले के समय एर्दोगन रूस थे। आतंकी हमले की वजह से एर्दोगन को वापस तुर्की आना पड़ा। आतंकियों ने अंकारा में कत्लेआम से एर्दोगन ही नहीं, पूरी दुनिया सहम उठी है। यह हमला जिसने भी देखा उसके रोंगटे खड़े हो गए। तुर्की के घर पर आतंकियों का हमला हुआ, जो आज तक कभी आतंकवाद पर स्टैंड नहीं लेता। वह हमेशा आतंकियों और आतंकियों के आकाओं को बचाने की फिराक में ही लगा रहता है। लेकिन अब एर्दोगन को आतंकियों के जख्म का स्वाद मिल गया होगा। उन्हें भी समझ आ गया होगा कि आतंकवाद के लिए कोई अपना और पराया नहीं होता। जब गोलियां चलती है और बमबारी होती है तो वह अपना-पराया नहीं देखता।

पाक संग यारी, तुर्की निभाता रहा वफादारी

तुर्की और पाकिस्तान की दोस्ती से हर कोई वाकिफ़ है। जब भी भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरा, तुर्की तुरंत उसके बचाव में उतर आया। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी उसने हमेशा अपने दोस्त का साथ दिया है। आतंकवाद का मुद्दा हो या कश्मीर का, तुर्की ने हमेशा पाकिस्तान का साथ दिया है। एर्दोआन भी कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ़ ज़हर उगलते रहे हैं। यही वजह है कि भारत ने हमेशा पूरी दुनिया से आतंकवाद के खिलाफ़ लड़ाई में एकजुट होने का आह्वान किया है। ब्रिक्स सम्मेलन में भी पीएम मोदी ने आतंकवाद पर हमला बोला था। चूंकि तुर्की ब्रिक्स में शामिल होना चाहता है, इसलिए उम्मीद की जानी चाहिए कि तुर्की को शायद होश आ जाए।

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