India News (इंडिया न्यूज), First Virtual Employee: यूएई का न्याय मंत्रालय अत्याधुनिक जनरेटिव एआई द्वारा संचालित एक आभासी कर्मचारी आयशा को पेश कर रहा है। आयशा को जल्द ही न्यायालयों में ग्राहकों की सहायता के लिए तैनात किया जाएगा। दरअसल, एक साल से भी कम समय पहले लॉन्च किया गया यह जनरेटिव एआई सहायक, एप्लिकेशन, ऑडियो और छवियों सहित नई सामग्री बना सकता है। जनरेटिव एआई एक तेज़ी से विकसित होने वाली तकनीक है, जो कई क्षेत्रों को बदल रही है और कानूनी प्रणाली इसका अपवाद नहीं है। वहीं आयशा न्यायालयों के प्रवेश द्वारों पर तैनात रहेंगी, जो ग्राहकों को उनके लेन-देन के बारे में आवश्यक जानकारी प्रदान करेंगी।
यूएई ने लांच किया पहला वर्चुअल कर्मचारी
बता दें कि, न्याय मंत्रालय की यह पहल न्यायिक प्रणाली में एआई को एकीकृत करने की दिशा में एक बड़ी छलांग है। नई एआई सहायक आयशा का लक्ष्य न्यायाधीशों, वकीलों और मुवक्किलों सहित इसमें शामिल सभी लोगों को सशक्त बनाना है। आयशा की मुख्य कार्यक्षमता न्यायाधीशों को कानूनी मिसाल तक बेजोड़ पहुँच प्रदान करती है। निर्णय लिए जा रहे मामले के समान पिछले मामलों के विशाल डेटासेट का विश्लेषण करके, आयशा सेकंड के भीतर प्रासंगिक फैसलों की पहचान कर सकती है। न्यायिक निर्णयों को सूचित करने के लिए अमूल्य ऐतिहासिक संदर्भ प्रदान करती है। वकीलों को आयशा एक अमूल्य संसाधन लगेगी। उनका व्यापक डेटाबेस, जिसमें एक सामान्य वकील के हज़ारों मामलों के अनुभव की तुलना में लाखों मामले शामिल हैं।
कौन है आयशा?
बता दें कि, आयशा कानूनी कार्यबल में एआई के संभावित प्रभाव पर एक विचारोत्तेजक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती हैं। वह इस बात पर जोर देती हैं कि एआई मानव विशेषज्ञता का प्रतिस्थापन नहीं है। बल्कि वृद्धि के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है। एआई को अपनाने और इसकी कार्यक्षमताओं को समझने से, कानूनी पेशेवर अपने काम को अनुकूलित करने और विकसित कानूनी परिदृश्य में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए इसके लाभों का लाभ उठा सकते हैं।