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यूक्रेन ने युद्ध के मैदान में उतारी रोबोट सेना, रूसी सेना के खिलाफ दर्ज की पहली जीत, पुतिन की बढ़ गई सांसे

India News (इंडिया न्यूज), Ukrainian Robot Army : रूस और यूक्रेन के बीच पिछले काफी समय से चल रहा युद्ध अपने अंतिम समय में हैं। युद्ध के शुरुआत में ऐसा लग रहा था कि रूसी सेना बड़ी आसानी से युक्रेनी सेना को खत्म कर देगी, कुछ हद तक ऐसा हुआ लेकिन युक्रेनी सेना ने अपने से ज्यादा ताकतवर सेना को दांतों तले चने चबवा दिए हैं। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कई मौर्चों पर रूसी सेना को जान और माल दोनों का भारी नुकसान हुआ है। अब इसी कड़ी में यूक्रेन की सेना ने रूस के खिलाफ जंग में रोबोट सेना उतार दी है और यूक्रेन की तरफ मिली जानकारी के अनुसार कर रोबोट सेना का अभियान सफल रहा है। यूक्रेन के नेशनल गार्ड ब्रिगेड ने हाल ही में उत्तरी रूस के कब्जे वाले खार्कीव ओब्लास्ट में रूसी ठिकानों पर हमला करने के लिए जमीन पर चलने वाले रोबोटिक व्हीकल और ड्रोन को मिलाकर संयुक्त रोबोटिक अभियान चलाया था।

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यूक्रेन की एडवांस रोबोट सेना

यूक्रेन की इस रोबोट सेना ने सितम्बर में अभियान के दौरान एक रूसी खाई को साफ किया था। ये रोबोट सेना काफी ज्यादा एडवांस है। रोबोट सेना में रिमोट नियंत्रित उड़ान सर्विलांस और माइन लेइंग ड्रोन, जमीन और हवा में एक तरफा विस्पोटक रोबोट के साथ ही बंदूक से लैस बॉट्स शामिल हैं। यूक्रेन की 13वीं नेशनल गार्ड ब्रिगेड के प्रवक्ता ने इसे एक प्रभावशाली तकनीकी उपलब्धि बताया, जिसमें एक छोटे से हिस्से पर एक साथ रोबोट और मानव रहित उपकरणों की दर्जनों इकाइयों का इस्तेमाल किया गया। रूस ने भी छोटे पैमाने के ग्राउंड बॉट हमलों का प्रयास किया है, लेकिन उसे कम सफलता मिली है।

यूक्रेन के लिए जरूरी है रोबोट सेना

34 महीने से चल रहे युद्ध में यूक्रेन के कई सैनिक अपनी जान गवा चुके हैं। जिसकी वजह से उसके पास सैनिकों की संख्या लगातार कम हो रही है। हालांकि, यूक्रेनी सेना की तुलना में रूस के लगभग दोगुने सैनिक हताहत हुए हैं। इसके बावजूद मोर्चे पर रूसी सैनिकों की संख्या यूक्रेन से बहुत ज्यादा है। यूक्रेन की रोबोट सेना काम तो अच्छा कर रही है लेकिन इसके बावजूद इसमें एक समस्या है। रोबोट सेना क्षेत्र पर पकड़ बनाए रखने में अभी भी कमजोर हैं। जमीनी नियंत्रण के लिए पैदल सेना ही असरदार है। पैदल सैनिक खाइयों में बैठते हैं, देखते हैं, प्रतीक्षा करते हैं और जब दुश्मन हमला करता है तो उसे जवाब देते हैं। वहीं, जब कोई ऑपरेटर युद्ध के मैदान से दूर ग्राउंड रोबोट के माध्यम से निरीक्षण करता है, तो लगातार मुश्किल होती है।

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Shubham Srivastava

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