India News(इंडिया न्यूज),Ukraine-Russia War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में कई सारी बातें सामने आ रही है। वहीं इस मामले में अब यूरोपिय थिंक टैंक का एक बड़ा बयान सामने आया है जिसमें ETTG ने रूस और यूक्रेन युद्ध में भारत को जिम्मेदार बताया है। जानकारी के लिए बता दें कि, यूरोपीय थिंक टैंक ने कहा है कि, भारत ने ऐसे समय में रूसी तेल की अभूतपूर्व खरीद के साथ मास्को के खजाने में 37 अरब डॉलर डाले हैं, जब वह यूक्रेन के साथ युद्ध में फंसा हुआ है, जिससे पता चलता है कि नई दिल्ली की उदारता पश्चिमी प्रतिबंधों को कमजोर कर रही है।

भारत ने बढ़ाई कच्चे तेल की खरीदी

रूस और यूक्रेन युद्ध में ETTG के बयान का कारण ये है कि, भारत ने इस बीच में रूस से तेल की खरीदी बढ़ा दी है। जिसके बारे में जानकारी देते हुए फिनलैंड स्थित सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) ने बताया कि, भारत ने रूसी कच्चे तेल की खरीद युद्ध-पूर्व मात्रा से 13 गुना अधिक बढ़ा दी है। जिससे रूस को मदद मिल रही है।

CNN की रिपोर्ट

वबएन द्वारा उद्धृत सीआरईए रिपोर्ट में स्वीकार किया गया है कि भारत की खरीद “पश्चिमी खरीदारों द्वारा कच्चे तेल की खरीद को बदलने के लिए अमेरिकी रणनीतिक साझेदार नई दिल्ली के कदम के समान है” और “पूरी तरह से वैध है।” वास्तव में, इससे पता चलता है कि भारत ने कुछ कच्चे तेल को परिष्कृत किया और इसे 1 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के तेल उत्पादों के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका को निर्यात किया। वहीं इसके साथ ही CNN ने शिपिंग मॉनिटरिंग फर्म पोल स्टार ग्लोबल का हवाला देते हुए बताया, “एक का स्वामित्व एक भारतीय-आधारित कंपनी के पास है, जिस पर प्रतिबंधों के उल्लंघन में शामिल होने का आरोप है, और दूसरे का स्वामित्व पहले से ही अलग-अलग अमेरिकी प्रतिबंधों के अधीन एक व्यक्ति के पास था।”

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