इंडिया न्यूज, न्यूयॉर्क :
UNSC-2593 -TALIBAN : तालिबान कैबिनेट के 33 मंत्रियों में से 17 ऐसे हैं जो संयुक्त राष्टÑ सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की 1267 कमेटी की प्रतिबंध सूची में शामिल हैं। इस तरह इन मंत्रियों यूएनएससी के नए 2593 प्रस्ताव के तहत हटाने की मांग की जा सकती है। गौरतलब है कि दिसंबर 2022 तक भारत 1267 कमेटी की अध्यक्षता कर रहा है। भारत की अध्यक्षता में 30 अगस्त 2021 को 2593 प्रस्ताव पारित किया गया था। रूस और चीन ने इस प्रस्ताव में मतदान करने से इनकार किया था। 2593 के दूसरे पैराग्राफ में साफ है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकाने या हमला करने के लिए नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा इस प्रस्ताव में यह भी प्रावधान है कि कोई देश आतंकियों को शरण देने अथवा ट्रेनिंग देने या आतंकी हमलों की प्लानिंग या उन्हें फंडिंग करने के लिए भी अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं कर सकता। अफगानिस्तान में आतंकवाद का मुकाबला करने के महत्व को दोहराते हुए, संकल्प 2593 उन व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने का भी आह्वान करता है जिन्हें संकल्प 1267 (1999) के अनुसार नामित किया गया है। उधर अफगानिस्तान पर तालिबान को एक आतंकी संगठन के तौर पर नामित नहीं किया गया है लेकिन इसके कई नेता प्रस्ताव 1267 के तहत आते हैं। इस सूची में अफगानिस्तान के गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी सबसे प्रमुख हैं। हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख सिराजुद्दीन को यूएन व अमेरिका जैसे देशों ने आतंकी के तौर पर नामित किया है। उसके ऊपर 36 करोड़ रुपए का इनाम है। सिराजुद्दीन के साथ ही खुफिया प्रमुख अब्दुल हक वासीक, उप रक्षा मंत्री मोहम्मद फजल, सूचना और प्रसारण मंत्री खैरुल्लाह खैरख्वा और सीमा और जनजातीय मामलों के मंत्री नूरुल्ला नूरी भी आतंकी लिस्ट में शामिल हैं।
लागू हो सकते हैं प्रतिबंध
बता दें कि तालिबान सरकार पर ‘2593’ के उल्लंघन से संयुक्त राष्टÑ के प्रतिबंध लग सकते हैं। तालिबान अगर अल कायदा, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा या तहरीक-ए-तालिबान, पाकिस्तान जैसे आतंकी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करता है तो उसपर कारवाई की जा सकती है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि इन सभी ग्रुप्स ने पिछले महीने कंधार में जैश के मुख्य आॅपरेशनल कमांडर मुफ्ती अब्दुल रऊफ अजहर उर्फ मार से मिलने के साथ तालिबान के सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अकुंदजादा के प्रति निष्ठा की शपथ ली है।