US Draft Bill : अफगानिस्तान में दो दशक बिताने के बाद अमेरिकी सेना की वापसी हो चुकी है। अब तालिबान अफगानिस्तान में अपनी सरकार बना चुका है लेकिन अमेरिका तालिबान और उसके सहयोगियों को बख्शने के मूड में नहीं है। अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी के 22 सांसदों ने अमेरिकी सीनेट में एक विधेयक पेश किया है। एंटी-तालिबान इस विधेयक को लेकर पाकिस्तान में भी काफी नाराजगी देखने को मिल रही है। दरअसल, इस विधेयक में तालिबान को तो बैन करने की बात हो ही रही है, साथ ही तालिबान के समर्थक देशों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है। इस बिल को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी आपत्ति जाहिर की है और इसे गैरजरूरी बताया है।
सरकारी या गैर-सरकारी संस्थाओं का समर्थन का किया जाएगा आकलन (US Draft Bill)
इस ड्राफ्ट बिल में लिखा है कि साल 2001 से लेकर साल 2020 तक तालिबान के समर्थन में सरकारी या गैर-सरकारी संस्थाओं का समर्थन का आकलन किया जाएगा। इसके अलावा आर्थिक सहायता, खुफिया सहायता, जमीनी सहायता, लॉजिस्टिक और मेडिकल सपोर्ट, आपरेशनल और रणनीतिक ट्रेनिंग को लेकर पाकिस्तानी सरकार की भूमिका को भी परखा जाएगा।
इस ड्राफ्ट बिल में ये भी लिखा था कि काबुल में सरकार गिराने के लिए तालिबान के हमले का समर्थन करने में सरकारी या गैर सरकारी संस्थाओं के साथ-साथ पाकिस्तान सरकार की भूमिका के बारे में भी आकलन किया जाएगा। रिपब्लिकन सीनेटर्स ने इसके अलावा बाइडेन प्रशासन से ये भी कहा है कि पंजशीर घाटी में अहमद मसूद के लड़ाकों के खिलाफ तालिबान के सपोर्ट में पाकिस्तान की क्या भूमिका रही थी, उसका भी आकलन करना चाहिए। 57 पेजों के इस बिल का नाम अफगानिस्तान काउंटर टेररिज्म, ओवरसाइट एंड अकाउंटबिलिटी एक्ट है और इस विधेयक का मकसद तालिबान और तालिबान समर्थक देशों को दंडित करना और उन पर प्रतिबंध लगाना है। पाकिस्तान की मानवाधिकर मंत्री इस विधेयक को लेकर अमेरिका की जबरदस्त आलोचना कर चुकी हैं और ये भी कह चुकी हैं कि अमेरिका का साथ निभाने के चलते पाकिस्तान को बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार ने इस मामले में कहा है कि हम देख रहे हैं कि वॉशिंगटन में मीडिया और कैपिटल हिल में एक बहस चल रही है जिसमें अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी की परिस्थितियों को लेकर मंथन किया जा रहा है। ऐसा जान पड़ता है कि अमेरिकी सीनेट में कुछ सीनेट रिपब्लिकन्स द्वारा तैयार किया गया नया ड्राफ्ट बिल इसी दिशा में एक कदम है। इस कानून में पाकिस्तान को कुछ जगहों पर इस्तेमाल किया है जो पूरी तरह से गैरजरूरी था। वहीं, पाकिस्तान के मंत्री शेख राशिद ने कहा पाकिस्तान ने तालिबान को सैन्य सुरक्षा प्रदान नहीं की है।
(US Draft Bill)