India News (इंडिया न्यूज), US NSA Mike Waltz: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फ्लोरिडा के प्रतिनिधि माइक वाल्ट्ज, जो फिलहाल भारत कॉकस के प्रमुख हैं। उनको अपना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाने के लिए कहा है। 50 वर्षीय माइक वाल्ट्ज एक सेवानिवृत्त आर्मी नेशनल गार्ड अधिकारी और युद्ध के अनुभवी हैं। उनसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक आक्रामक दृष्टिकोण लाने की उम्मीद है जो अमेरिकी सुरक्षा को मजबूत करने के ट्रंप के वादों के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है। दरअसल, पूर्व-मध्य फ्लोरिडा से तीन बार जीओपी प्रतिनिधि रहे वाल्ट्ज अमेरिकी सदन में चुने गए पहले ग्रीन बेरेट थे, और पिछले सप्ताह फिर से चुने गए। समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वाल्ट्ज सदन की सशस्त्र सेवा उपसमिति के अध्यक्ष और सदन की विदेश मामलों की समिति और खुफिया मामलों की स्थायी चयन समिति के सदस्य भी रहे हैं।

ट्रंप ने खोज लिया अपना डोभाल

बता दें कि, वाल्ट्ज मजबूत रक्षा रणनीतियों के कट्टर समर्थक हैं, खासकर भारत के साथ संबंधों और चीन का मुकाबला करने के मामले में। वे एक अनुभवी विदेश नीति विशेषज्ञ और अमेरिका-भारत गठबंधन के प्रबल समर्थक हैं। उन्होंने भारत के साथ संबंधों को गहरा करने, खासकर रक्षा और सुरक्षा सहयोग में, का समर्थन किया है। विशेष रूप से, भारत और भारतीय अमेरिकियों पर द्विदलीय कांग्रेसी कॉकस के सह-अध्यक्ष के रूप में माइक वाल्ट्ज ने 2023 में अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान कैपिटल हिल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की व्यवस्था करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं सीनेट का भारत कॉकस एक द्विदलीय समूह है जिसमें वर्तमान में सीनेट के 40 सदस्य शामिल हैं। 2004 में तत्कालीन न्यूयॉर्क सीनेटर और विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और सीनेटर जॉन कॉर्निन द्वारा स्थापित, यह सीनेट में अपनी तरह का सबसे बड़ा कॉकस है।

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भारत के दुश्मन के खिलाफ आक्रामक वाल्ट्ज

वाल्ट्ज चीन के प्रति आक्रामक रहे हैं, उन्होंने कोविड-19 की उत्पत्ति और उइगर मुसलमानों के साथ कथित दुर्व्यवहार में इसकी संलिप्तता के कारण बीजिंग में 2022 शीतकालीन ओलंपिक का अमेरिका द्वारा बहिष्कार करने का आह्वान किया था। वाल्ट्ज निवर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन के अफगानिस्तान से सैनिकों को वापस बुलाने के फैसले के मुखर आलोचक रहे हैं। उनकी संभावित नियुक्ति चीन पर अमेरिका के अधिक मुखर रुख और भारत के साथ और भी मजबूत साझेदारी की ओर बदलाव का संकेत दे सकती है। साथ ही चीन पर अपने दृढ़ रुख के लिए जाने जाने वाले वाल्ट्ज ने क्षेत्रीय स्थिरता को मजबूत करने के लिए भारत जैसे लोकतांत्रिक देशों के साथ मजबूत गठबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया है।

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