इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
कोरोना वायरस को हराने के लिए मास्क और सोशल डिस्टैंसिंग के अलावा वैक्सीन ही सबसे बड़ा हथियार है। अत: सभी देश अपने-अपने लोगों को जल्द से जल्द वैक्सीनेट करना चाहते हैं ताकि इस संक्रमण को जड़ से खत्म किया जाएं और अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जाएं।
अब कुछ देशों ने अपने नागरिकों के लिए जानलेवा बीमारी के खिलाफ टीका लगवाना जरूरी कर दिया है। कई देशों ने टीकाकरण को लेकर नियमों में बदलाव किए हैं। जिम्बॉब्वे ने तो अपने सरकारी कर्मचारियों के लिए ऐसा नियम बनाया है कि जिसने अभी तक वैक्सीन की पहली डोज नहीं लगवाई है, उनसे जबरन इस्तीफा मांगा जा रहा है।
वहीं, अमेरिका, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और वेटिकन समेत दक्षिण प्रशांत क्षेत्र स्थित देशों ने सभी लोगों के लिए टीकाकरण अनिवार्य कर दिया है। इटली ने भी कुछ ऐसे नियम बनाए हैं, जहां वैक्सीनेशन नहीं कराने पर कड़े फैसले लेने की बात कही है।
वैक्सीनेट कर्मचारियों को ही कंपनी में प्रवेश
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने टीकाकरण के नए नियम बनाए है। इसके मुताबिक सरकार ने 100 से अधिक कर्मचारी वाली कंपनियों को आदेश जारी किया है कि वह अपने कर्मचारियों को पहले टीका लगवाए उसके बाद ही कंपनी में प्रवेश की अनुमति दें। सैन फ्रांसिस्को ने सभी नगरपालिका कर्मचारियों को कहा है कि टीका की पहली खुराक नहीं लेने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
चीन में सार्वजनिक जगहों पर मनाही
चीन में जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है, उनके लिए सार्वजनिक जगहों पर आने की मनाही रहेगी। जिनपिंग सरकार ने अभियान और तेज करने के आदेश दिए हैं। वहीं युन्नान प्रांत के चुक्सियोंग प्रशासन ने और भी कड़े निर्देश देते हुए कहा है कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को हर जगह टीकाकरण का सर्टिफिकेट दिखाना होगा। जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है, उन्हें अस्पतालों, स्कूलों या सार्वजनिक परिवहन में चलने की इजाजत नहीं दी जाएगी।