India News(इंडिया न्यूज),Vladimir Putin: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इन दिनों लगातार रुप से भारत के तारीफ के कसीदे गा रहे है। जिसके बाद एक बार फिर राष्ट्रपति पुतिन ने भारत की यूएनएससी सदस्यता को लेकर भारत का खुलकर समर्थन किया है। राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि भारत यूएनएसी का स्थायी सदस्य होना चाहिए। जिसके बाद पुतिन ने भारत के मजबूत आर्थिक विकास की भी की भी सराहना भी की।

पीएम मोदी की सराहना

पुतिन ने आगे पीएम मोदी की सराहना करते हुए कहा कि, भारतीय नेतृत्व स्व-निर्देशित है, यानी बिना किसी दबाव और झुकाव के काम कर रही है। भारतीय नेतृत्व स्व-निर्देशित है, यानी बिना किसी दबाव और झुकाव के काम कर रही है। भारतीय नेतृत्व राष्ट्रीय हितों को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है। इसलिए पश्चिमी देश कोशिशों का कोई मतलब नहीं बनता है। लेकिन वो फिर भी कोशिश कर रहे हैं। वो अरब देशों को भी दुश्मन की तरह पेश करने की कोशिश कर रहे हैं।

पश्चिम के देशों पर हमला

इसी के साथ ही राष्ट्रपति पुतिन ने आगे कहा कि, यह हर उस देश को दुश्मन के रूप में पेश कर रहे हैं, जो आंख बंद करके इनके पीछे-पीछे चलने के लिए तैयार नहीं हैं। एक समय पर इन्होंने भारत के साथ भी ऐसा करने की कोशिश की थी। हम सब समझते हैं, एशिया में हालात को हम देख और महसूस कर रहे हैं। अब वे छेड़खानी कर रहे हैं, बेशक। हम सभी इसे अच्छी तरह से समझते हैं।

हम एशिया की स्थिति को महसूस करते हैं और देखते हैं। सब कुछ स्पष्ट है। मैं कहना चाहता हूं कि भारतीय नेतृत्व स्व-निर्देशित है। इसका नेतृत्व राष्ट्रीय हितों द्वारा किया जाता है। मुझे लगता है कि वे प्रयास करते हैं कोई मतलब नहीं। लेकिन, वे जारी रखते हैं। वे अरबों को दुश्मन के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। वे सावधान रहने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कुल मिलाकर, सब कुछ इसी तक सीमित है।”

क्या है यूएनएससी में

जानकारी के लिए बता दें कि, यूएनएससी सदस्यता दो तरह से होती है। एक है स्थाई और एक अस्थाई। सिर्फ पांच देश ऐसे ऐसे हैं, जो इस परिषद के स्थायी सदस्य हैं। उन देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन शामिल है. इसके अलावा यूनएससी में 10 ऐसे देश सदस्य होते हैं।जो हर दो साल में बदल जाते हैं. भारत आठ बार यूएनएसी का अस्थायी सदस्य रह चुका है।

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