विदेश

क्या भारत यूक्रेन को पहुंचा रहा था गोला-बारूद? भ्रामक खबर पर लगी रोक, विदेश मंत्रालय ने बता दी पूरी सच्चाई

India News (इंडिया न्यूज),Ministry of External Affairs: विदेश मंत्रालय ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है जिसमें दावा किया गया था कि भारतीय निर्माताओं द्वारा बेचे गए गोला-बारूद को यूरोपीय देशों द्वारा यूक्रेन भेजा गया था। भारत सरकार ने इस रिपोर्ट को झूठा और शरारतपूर्ण करार दिया है। रिपोर्ट पर सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि, हमने रॉयटर्स की रिपोर्ट देखी है। यह काल्पनिक और भ्रामक है।

बता दें कि, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि, भारत के पास सैन्य और दोहरे उपयोग की वस्तुओं के निर्यात पर अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के अनुपालन का एक ट्रैक रिकॉर्ड है। भारत परमाणु अप्रसार पर अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को ध्यान में रखते हुए अपने रक्षा निर्यात पर काम कर रहा है।

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रॉयटर्स की रिपोर्ट में क्या कहा गया?

रिपोर्ट में रॉयटर्स ने 11 भारतीय और यूरोपीय सरकार और रक्षा उद्योग के अधिकारियों के साथ बातचीत और वाणिज्यिक रूप से उपलब्ध सीमा शुल्क डेटा के विश्लेषण का हवाला देते हुए दावा किया था कि भारतीय हथियार निर्माताओं द्वारा बेचे गए तोप के गोले यूरोपीय देशों द्वारा यूक्रेन भेजे गए थे। रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारत सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया और मास्को के विरोध के बावजूद व्यापार को रोका नहीं गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन की मदद करने वाले हथियारों की आपूर्ति एक साल से अधिक समय से चल रही थी और क्रेमलिन ने जुलाई में विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक सहित कम से कम दो बार भारत के साथ इस मुद्दे को उठाया था।

भारत ने यूक्रेन द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे गोला-बारूद

रिपोर्ट में कहा गया है कि, भारतीय हथियार निर्यात नियमों में कहा गया है कि हथियारों का इस्तेमाल केवल घोषित खरीदार ही कर सकता है और अगर अनधिकृत हस्तांतरण होता है तो उन्हें भविष्य में बिक्री रोकी जा सकती है। दो भारतीय सरकारी और दो रक्षा उद्योग स्रोतों ने रॉयटर्स को बताया कि भारत ने यूक्रेन द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे गोला-बारूद की बहुत कम मात्रा का उत्पादन किया है। एक अधिकारी ने अनुमान लगाया कि यह युद्ध के बाद से कीव द्वारा आयात किए गए कुल हथियारों का 1% से भी कम था। रिपोर्ट में कहा गया है कि समाचार एजेंसी यह दावा नहीं करती है कि यूरोपीय देशों द्वारा कीव को हथियार फिर से बेचे गए या मुफ्त में दिए गए।

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Himanshu Pandey

इंडिया न्यूज में बतौर कंटेंट राइटर के पद पर काम कर रहा हूं। ऑफबीट सेक्शन के तहत काम करते हुए देश-दुनिया में हो रही ट्रेंडिंग खबरों से लोगों को रुबरु करवाना ही मेरा मकसद है। जिससे आप खुद को सोशल मीडिया की दुनिया से कटा हुआ ना महसूस करें ।

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