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Neuralink Project क्या है? दिमाग में चिप लगाकर क्या करना चाहते हैं एलन मस्क?

Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : December 6, 2022, 10:23 pm IST

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : एलन मस्क का न्यूरालिंक प्रोजेक्ट इन दिनों पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। न्यूरालिंक की बनाई ब्रेन चिप के ह्यूमन ट्रायल से पहले ही यह विवादों में आ गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन ब्रेन चेप की टेस्टिंग जानवरों पर की जा रही है। कहा जा रहा है कि एलन मस्क ने जल्दी से जल्दी टेस्टिंग करने की बात कही है। इसी वजह से हजारों जानवरों की जान जा चुकी है। हाल ही में एलन मस्क ने कहा था कि जल्द ही स्टारलिंक ब्रेन चिप इंटरफेस का ह्यूमन ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा. एलन मस्क का दावा है कि इन ब्रेन चिप की मदद से इंसानों में होने वाली टिनिटस समेत कई बीमारियों का इलाज किया जा सकेगा। साल 2021 में न्यूरालिंक ने एक बंदर पर प्रयोग किया था जिसमें देखा गया था कि जिस बंदर को ब्रेन चिप लगाई गई थी, वह जल्द ही वीडियो गेम खेलने लगा था।

जानकारी दें, मशहूर कारोबारी एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक दिमाग में लगाया जा सकने वाला एक चिप बना रही है। इस चिप की मदद से इंसान के दिमाग को कंट्रोल किया जा सकता है। एलन मस्क का कहना है कि इससे मेडिकल सेक्टर में भी काफी फायदा होगा और मरीजों का इलाज भी हो सकेगा। एलन मस्क यह भी दावा करते हैं आने वाले समय में इस चिप की मदद से आपके सोचने भर से ही आप मोबाइल या कंप्यूटर जैसी चीजें इस्तेमाल कर सकेंगे।

Neuralink Brain Chip है क्या?

दुनिया के तमाम वैज्ञानिक लंबे समय से दिमाग को कंट्रोल करने वाली चिप बनाने में लगे हुए हैं। इनका लक्ष्य है कि ऐसी चिप और टेक्नोलॉजी विकसित की जाए जो इंसानों के दिमाग में फिट हो सके और उसके साथ मिलकर काम करे। एलन मस्क का न्यूरालिंक ब्रेन चिप प्रोजेक्ट इसी का हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट के तहत एलन मस्क आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस सिस्टम पर आधारित ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित करना चाहते हैं। जिसकी मदद से आप अपने दिमाग में सोचकर ही बहुत सारे काम कर सकें। इसमें यह भी कोशिश की जा रही है कि ब्रेन चिप की मदद से इंसानों की भावनाओं पर भी काबू पाया जा सके।

ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस एक तरह की चिप होती है। इस चिप को दिमाग के साथ लगाने पर दिमाग और कंप्यूटर सिंक हो जाते हैं। इसमें दिमाग के न्यूरॉन और कंप्यूटर चिप एक-दूसरे का हिस्सा बन जाते हैं। कंपनियां इन चिप की मदद से इंसानों के दिमाग से खेलने के सपने देख रही हैं। फिलहाल कंपनियां इस तरह के ब्रेन चिप के फायदे गिनवा रही हैं लेकिन खतरों के बारे में भी खूब चर्चा हो रही है। एलन मस्क तो यह भी कहते हैं कि इन चिप की मदद से नेत्रहीन व्यक्ति भी देख सकेंगे और लकवाग्रस्त इंसान भी डिजिटल डिवाइसों का इस्तेमाल कर सकेंगे।

जानवरों को मार रही है Neuralink

न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, न्यूरालिंक कंपनी के कई कर्मचारियों ने बताया है कि जानवरों पर ब्रेन चिप की टेस्टिंग जल्दबाजी में की जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 के बाद से जानवरों पर किए जा रहे प्रयोगों में गड़बड़ी की वजह से अभी तक 280 से ज़्यादा भेड़, सूअर और सैकड़ों बंदरों समेत लगभग 1,500 जानवरों को मारा चुका है। कंपनी के कर्मचारियों ने यह भी दावा किया है कि एलन मस्क का दबाव है कि जल्द से जल्द टेस्टिंग की जाए। इस जल्दबाजी की वजह से ही जानवरों की जान जा रही है।

इंसान के दिमाग को देखा जाए तो वह बेहद जटिल मशीन की तरह है। दिमाग में इंसान के बाल से भी कई गुना पतले रेशे जैसी संरचनाएं होती हैं। इनके सहारे ही दिमाग में काम करता है. यही वजह है कि एलन मस्क के इस प्रोजेक्ट को शक की निगाह से देखा जा रहा है। जानवरों पर हो रही टेस्टिंग के दौरान उनकी मौत हो जाने से इस पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में ह्यूमन ट्रायल पर भी दुनिया की नज़रें टिकी हैं। जानवरों की मौत के बाद ह्यूमन ट्रायल में और देरी हो सकती है। यह देखने वाली बात होगी कि जिन चिप के आधार पर एलन मस्क बंदर के वीडियो गेम खेलने का दावा कर रहे हैं, वे इंसानों के दिमाग पर क्या असर डालती हैं।

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