India News (इंडिया न्यूज), US-Taiwan: दुनिया के कई क्षेत्र इस समय जंग से जुझ रहे हैं। एक तरफ जहां रूस और यूक्रेन लम्बे समय से जंग से जुझ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ इजरायल-हमास भी एक बड़े जंग की तरफ बढ़ रहें हैं। इन सब के बीच ताइवान के उपर चीन का खतरा बढ़ता जा रहा है। चीन लगातार ताइवान को चारों ही ओर से घेरकर सैन्‍य अभ्‍यास कर रही है।

चीन ने की निंदा

इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने हाल ही में अमेरिकी सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए ताइवान को 8 करोड़ डॉलर($80 मिलियन) अनुदान पर हस्ताक्षर किए। चीन ने वाशिंगटन के इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रीया दी। चीन ने कहा कि वाशिंगटन ने जो किया है, वह उसकी “निंदा करता है और उसका विरोध करता है”।

सांकेतिक महत्‍व

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने ताइवान को यह 8 करोड़ डॉलर ग्रांट दिया है न कि लोन। अभी के समय को देखें तो यह कोई बड़ी रकम नहीं है। यह एक आधुनिक लड़ाकू विमान की लागत से भी कम है। लेकिन इसका सांकेतिक महत्‍व बहुत ज्‍यादा है। ताइवान ने पहले से ही 14 अरब डॉलर से अधिक मूल्य का अमेरिका को सैन्य उपकरणों के लिए ऑर्डर दिया है।

इस कार्यक्रम के तहत दिया गया ग्रांट

40 से अधिक वर्षों में यह पहली बार हुआ है जब अमेरिका अपने पैसे का उपयोग उस स्थान पर हथियार भेजने के लिए कर रहा है जिसे वह आधिकारिक तौर पर मान्यता भी नहीं देता है। यह फॉरेन मिल‍िट्री फाइनेंस प्रोग्राम (FMF) नामक कार्यक्रम के तहत हो रहा है।

इन देशों को भी दिया गया सैन्य सहायता

बता दें पिछले साल यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से, कीव को लगभग 4 बिलियन डॉलर की सैन्य सहायता भेजने के लिए FMF का उपयोग किया गया है। इसका उपयोग अफगानिस्तान, इराक, इज़राइल और मिस्र आदि में अरबों डॉलर भेजने के लिए किया गया है। लेकिन अब तक यह केवल संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त देशों या संगठनों को ही दिया गया है। इसमें ताइवान अब तक शामिल नहीं था।

1979 में अमेरिका द्वारा ताइवान से चीन को राजनयिक मान्यता देने के बाद उसने ताइवान संबंध अधिनियम की शर्तों के तहत द्वीप को हथियार बेचना जारी रखा। इसका उद्देश्‍य ताइवान को इतने हथियार देना है ताकि वह चीन के किसी हमले का खुद ही मुकाबला कर सके।

अमेरिका में ट्रेनिंग करेंगी ताइवान की आर्मी

बता दें इससे पहले अमेरिका के राष्‍ट्रपति बाइडन ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करके ताइवान को 50 करोड़ डॉलर के हथियार बेचने की मंजूरी दी थी। वहीं ताइवान ने अपनी नई पनडुब्‍बी का अनावरण किया था जो उसने अमेरिकी मदद से बनाई है। ताइवान अपनी सेना की दो बटालियन को अमेरिका में ट्रेनिंग के लिए भेज रहा है।

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