विदेश

कौन हैं ‘बुचा की चुड़ैलें’ जिनसे कांपते हैं ताकतवर पुतिन? रात के अंधेरे में कैसे बन जाती हैं ‘काल का दूसरा रुप’

India News(इंडिया न्यूज),Russia-Ukraine war: रूस और यूक्रेन के बीच जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। दो साल से भी ज़्यादा समय से चल रहे इस युद्ध में दोनों में से कोई भी देश हार मानने को तैयार नहीं है।दोनों तरफ़ से लगातार हमले हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध में अब यूक्रेन की एक ख़ास सेना चर्चा में आई है। जब रात में यूक्रेन के बुचा शहर में झुंड में रूसी ड्रोन हमला करते हैं, तो एक ख़ास सेना सक्रिय हो जाती है और पुतिन के ड्रोन को नाकाम करना शुरू कर देती है। लोग इस सेना को ‘बुचा की चुड़ैल’ कहते हैं। ये महिलाओं की एक सेना है, जिन्होंने रात के अंधेरे में अपने देश के आसमान की रक्षा का जिम्मा उठाया है। दिन में इन महिलाओं की एक अलग पहचान है। इनमें से कोई शिक्षिका है, कोई डॉक्टर है, तो कोई ब्यूटी पार्लर में काम करती है। लेकिन रात होते ही ये महिलाएं दुश्मनों से लड़ने निकल पड़ती हैं। 2022 में युद्ध की शुरुआत में ये महिलाएं खुद को कमज़ोर समझ रही थीं, लेकिन अब लड़ाई में सक्रिय होकर उन्होंने आत्मविश्वास हासिल कर लिया है।

पुराने हथियारों का इस्तेमाल

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, ‘बुचा की चुड़ैलें’ आधुनिक हथियारों से नहीं, बल्कि पुराने ज़माने के हथियारों से लड़ रही हैं। उनके पास 1939 में बनी ‘मैक्सिम’ मॉडल की मशीन गन हैं, जिन पर सोवियत काल के लाल सितारे का निशान है। हालांकि, वे इन पुराने हथियारों का बहुत कुशलता से इस्तेमाल कर रही हैं और उन्होंने इस गर्मी में तीन रूसी ड्रोन को मार गिराने का दावा किया है।

हाल ही में इस समूह में 51 वर्षीय वाल्किरी नाम की महिला शामिल हुई हैं। वे कहती हैं, “मेरा वजन 100 किलो है और मैं दौड़ नहीं सकती, लेकिन फिर भी मैं इस लड़ाई का हिस्सा हूँ।” वहीं, उनकी दूसरी साथी इना हंसते हुए कहती हैं, “यह काम डरावना है, लेकिन तीन बच्चों को जन्म देना भी आसान नहीं था। यूक्रेनी महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं।”

क्यों ऐसा कर रही हैं यूक्रेन की महिलाएं

इस समूह की कई महिलाएं भावनात्मक कारणों से इस लड़ाई में शामिल हुई हैं। वाल्किरी का कहना है कि युद्ध की शुरुआत में जब उनका परिवार बुचा से भाग रहा था, तो एक रूसी सैनिक ने उनके बच्चे के सिर पर बंदूक तान दी थी। उस भयावह क्षण ने उन्हें अंदर से झकझोर दिया और आज उसी दर्द और गुस्से से प्रेरित होकर वे लड़ाई में शामिल हो गई हैं। 52 वर्षीय आन्या ने कहा, “जब मैंने सुना कि रूसी सेना बच्चों को मारने आ रही है, तो मैंने तय कर लिया कि मैं उन्हें कभी माफ नहीं करूंगी।”

गौरतलब है कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को करीब 1000 दिन हो चुके हैं और यूक्रेनी सेना को अब तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है। इसके बावजूद महिलाओं की सेना हार मानने को तैयार नहीं है। उनके लिए यह युद्ध सिर्फ देश की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि उनके अपने अस्तित्व और स्वाभिमान के लिए भी है। वाल्किरी कहती हैं, “हम यहां इसलिए आए हैं ताकि यह युद्ध जल्द से जल्द खत्म हो जाए।”

भारत की ये खुफिया जानकारी कनाडा को सप्लाई कर रहा था आतंकी पन्नू? कबूलनामा के बाद कहीं के नहीं रहे ट्रूडो

Divyanshi Singh

Recent Posts

MP में बढ़ी ठिठुरन, भोपाल में 10.2 डिग्री तक लुढ़का पारा, शहरों में छाया घना कोहरा

India News MP (इंडिया न्यूज़), Bhopal: कश्मीर में हो रही बर्फबारी से MP में ठिठुरन…

10 minutes ago

Bihar Hooch tragedy : बेगूसराय में जहरीली शराब का कहर, दो लोगों की मौत; 2 अन्य बीमार

India News Bihar (इंडिया न्यूज)Raebareli Crime News: बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब का…

15 minutes ago

कांग्रेस नेता ने लगाए मंत्री पर जान से मारने का आरोप, कोर्ट में रोते हुए रखी अपनी बात

India News(इंडिया न्यूज), MP News: गबन के आरोप में मध्य प्रदेश के सागर सेंट्रल जेल…

19 minutes ago

दिल्ली हाईकोर्ट से मिली ओवैसी को बड़ी राहत, फ़ैसले ने AIMIM को दिया सुकून

India News(इंडिया न्यूज), Delhi News: दिल्ली हाईकोर्ट में अभी कुछ दिनों पहले मुस्लिम कट्टर पंथी…

31 minutes ago

अंतिम संस्कार कर घर गया परिजन, जब सुबह अस्थियां लेने गया तो हुआ कुछ ऐसा…बुलानी पड़ गई पुलिस

Bones Stolen From Cemetery: बूंदी में एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार के बाद जब चिता…

34 minutes ago