इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
पाकिस्तान के कराची में मंगलवार को एक आत्मघाती बम हमला था, जिसमें चीनी नागरिकों को निशाना बनाया गया था। हैरान करने वाली बात ये है कि आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाली एक महिला है। इस हमले की वीडियो भी आया है जिसमें एक महिला कराची विश्वविद्यालय के बाहर खड़ी दिखाई देती है।
उसकी नजरें सड़क पर उसके पास आती एक वैन पर थी जिसमें 3 चीनी नागरिक थे। जैसे ही ये वैन उसके पास से गुजरने की कोशिश करती है, महिला खुद को बम से उड़ा लेती है। यह बम हमला इतना बड़ा था कि इस हमले में वैन के भी चिथड़े उड़ गए। वैन में सवार तीनों चीनी नागरिकों की मौत हो गई है जबकि वैन का ड्राइवर गंभीर है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
इस पोस्ट में हम आपको बता रहे हैं उस महिला के बारे में, जिसने खुद को बम से उड़ा लिया। दरअसल, ये कोई आम महिला नहीं थी, बल्कि पढ़ी लिखी एक शिक्षिका थी। इस महिला का नाम शैरी बलूच उर्फ बरमश बताया गया है। इतना ही नहीं, बल्कि इस आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाली महिला का पूरा परिवार वैल एजुकेटेड है और ये महिला घर से भी बहुत स्ट्रांग थी।
जूलॉजी में मास्टर्स और एमफिल की डिग्री
शैरी बलूच (Sherry Baloch) के पास बलूचिस्तान विश्वविद्यालय की जूलॉजी में मास्टर्स और एमफिल की डिग्री है। शैरी बलूचिस्तान में अपने पैतृक केच जिले में एक प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका थी। उसने 2014 में बी. एड और 2018 में एम. एड की पढ़ाई पूरी की थी। शैरी बलूच के दो बच्चे हैं, 8 साल का महरोश और 4 साल का मीर हसन।
शैरी के पिता एक सरकारी कर्मचारी थे। महिला का पति दंत चिकित्सक है। उसका देवर लेक्चरर और एक चाचा लेखक, पूर्व प्रोफेसर और मानवाधिकार प्रचारक हैं। 2 साल पहले शैरी बलूच बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी में शामिल हुए थे। यह संगठन पाकिस्तान में प्रतिबंधित है।
10 घंटे पहले ट्विटर लिखा अलविदा
एक रिपोर्ट के मुताबिक, शैरी बलूच उर्फ बरमश ने हमले से 10 घंटे पहले अपने ट्विटर पर अलविदा लिखा। इस दौरान किसी को यह मालूम नहीं था कि वह आगे क्या करने जा रही है? लेकिन जब बम विस्फोट हुआ और एक फुटेज में महिला इस हमले को अंजाम देते हुए दिखी तो सब हैरान रह गए।
बलूच छात्र संगठन की सदस्य रही है Sherry Baloch
अभी तक ये मालूम नहीं हुआ है कि बलूच संघर्ष में शामिल होने के लिए उसे किसने उकसाया लेकिन वह अपने छात्र जीवन में बलूच छात्र संगठन (बीएसओ-आजाद) की सदस्य बनी रही थी। शैरी बलूच ने 30 साल की उम्र में बलूचिस्तान की आजादी के लिए बमबारी को अंजाम दिया था।
गौर करने वाली बात है कि केच में 2018 में एक सैन्य अभियान के दौरान मारे गए 5वें चचेरे भाई को छोड़कर उसके परिवार का कोई भी सदस्य लापता नहीं है या जबरन गायब नहीं हुआ है।
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