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कौन हैं भारतीय नागरिक संजय वर्मा, जिनके पीछे हाथ धोकर पड़ा कनाडा, मिला ऐसा जवाब ट्रूडो की 7 पुश्तें रखेंगी याद

Sohail Rahman • LAST UPDATED : October 16, 2024, 5:22 pm IST

India News (इंडिया न्यूज), Sanjay Kumar Verma: भारत और कनाडा के बीच रिश्ते में तल्खियां लगातार बढ़ती जा रही है। दरअसल पूरा मामला है कि, कनाडा में जारी आपराधिक गतिविधियों की जांच को लेकर भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा समेत कई अधिकारियों के नाम का जिक्र किया गया है। हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और कनाडा को जवाब देने की बात कही है। फिलहाल भारत और कनाडा दोनों ने ही 6 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है और देश छोड़ने के निर्देश दिए हैं।

कौन हैं संजय कुमार वर्मा

हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि संजय कुमार वर्मा का जन्म 28 जुलाई 1965 में हुआ। उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से शिक्षा हासिल की है। यहां से वो स्नातक करने के बाद फिजिक्स में पीजी डिग्री के लिए दिल्ली IIT इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पहुंचे। उनकी पत्नी का नाम गुंजन वर्मा और दोनों का एक बेटा और एक बेटी हैं। भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार वर्मा को IT, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, साइबर डिप्लोमेसी में काफी रूचि है। जानकारी के अनुसार उन्होंने साल 1988 में भारतीय विदेश सेवा (IFS) में कदम रखा था। उन्होंने हांगकांग, चीन, वियतनाम, तुर्किए, मिलान (इटली) में अपनी सेवाएं दीं हैं। इसके अलावा वो सुडान में भारतीय राजदूत रहे। सुडान के बाद वह विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव और बाद में अतिरिक्त सचिव भी बने। कनाडा पहुंचने से पहले संजय कुमार वर्मा जापान और मार्शल आईलैंड में भारत के राजदूत रहे हैं। 

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भड़क उठा भारत का विदेश मंत्रालय

भारत ने भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा के खिलाफ लगाए गए आरोपों को मनगढ़ंत और बेतुका बताते हुए इन्हें ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे से जुड़ा बताया है। जो वोट बैंक की राजनीति पर केंद्रित है। विदेश मंत्रालय ने इसके बारे में आगे कहा कि, भारत को कल कनाडा से एक राजनयिक संदेश मिला, जिसमें कहा गया था कि भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिक उस देश में एक मामले के सिलसिले में चल रही जांच की निगरानी में हैं। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘हमें उनकी सुरक्षा की मौजूदा कनाडा सरकार की प्रतिबद्धता पर कोई भरोसा नहीं है। इसलिए भारत सरकार ने उच्चायुक्त और निशाना बनाए जा रहे अन्य राजनयिकों एवं अधिकारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है।’

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