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कौन हैं वो खूबसूरत महिला जिसके साथ वायरल हो रही है मोहम्मद अल-जुलानी की वीडियो, पूरे सीरिया में मचा बवाल, मुसलमानों ने कहा बसर…

India News (इंडिया न्यूज),Mohammed al-Julani: सीरिया में बशर अल-असद सरकार के करीब 23 साल के शासन को उखाड़ फेंकने वाले विद्रोही समूह के नेता अबू मोहम्मद अल-जुलानी की तस्वीर पर काफी विवाद हो रहा है। इस तस्वीर में जुलानी के साथ एक महिला नजर आ रही है, जिसे वह सिर पर हुडी लगाने के लिए कह रहा है। दरअसल, सीरिया के मेजा शहर में एक महिला एचटीएस नेता जुलानी के साथ तस्वीर खिंचवाना चाहती थी, इस दौरान जुलानी ने महिला से अपने बाल ढकने का अनुरोध किया। जानकारी के मुताबिक यह तस्वीर 10 दिसंबर को ली गई थी, लेकिन इस पूरी घटना का वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है। उदारवादी और कट्टरपंथी कर रहे हैं आलोचना उदारवादी और कट्टरपंथी दोनों ही इस तस्वीर की आलोचना कर रहे हैं। उदारवादी सुन्नी इस्लामिक समूह हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेता के इस अनुरोध को इस संकेत के तौर पर देख रहे हैं कि जुलानी बशर अल-असद को उखाड़ फेंकने के बाद सीरिया में इस्लामिक व्यवस्था लागू करने की कोशिश कर सकते हैं, जबकि कट्टरपंथी रूढ़िवादियों ने महिला के साथ फोटो खिंचवाने के लिए उनकी आलोचना की है।

एचटीएस नेता ने क्या कहा ?

इस तस्वीर को लेकर उठे सवालों पर जुलानी ने बीबीसी के जेरेमी बोवेन को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मैंने उस महिला को सिर ढकने के लिए मजबूर नहीं किया, लेकिन यह मेरी निजी स्वतंत्रता है कि मैं चाहता हूं कि मेरी तस्वीरें मेरे हिसाब से ली जाएं।’

कौन है फोटो में दिख रही महिला ?

बता दें  तस्वीर में दिख रही महिला लिया खैरल्लाह है। लिया खैरल्लाह ने मामले को लेकर कहा कि उन्हें एचटीएस नेता के सिर ढकने के अनुरोध से कोई परेशानी नहीं है। लिया ने कहा कि उन्होंने विनम्र और पिता के समान तरीके से पूछा था। महिला ने कहा, ‘मुझे लगा कि एक नेता को उस तरह से पेश किए जाने का अधिकार है, जैसा वह उचित समझे।’

महिला वाली तस्वीर पर विवाद क्यों?

सीरिया में सुन्नी मुसलमान बहुसंख्यक हैं, उनके अलावा अलावी, ईसाई, ड्रूज और इस्माइली संप्रदाय के लोग भी वहां रहते हैं। असद सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद अपने पहले बयान में एचटीएस विद्रोहियों ने कहा था कि वे महिलाओं पर कोई धार्मिक ड्रेस कोड नहीं थोपेंगे। इसके अलावा उन्होंने सीरिया में सभी समुदायों के लोगों के लिए व्यक्तिगत स्वतंत्रता की गारंटी देने का भी वादा किया।

वैचारिक मतभेद

वहीं, असद सरकार का विरोध करने वाले राजनीतिक और सैन्य समूहों के बीच वैचारिक मतभेद हैं। कुछ लोग धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र चाहते हैं, जबकि कुछ लोगों का मानना ​​है कि सीरिया को इस्लामी कानून के अनुसार संचालित किया जाना चाहिए।हयात तहरीर अल-शाम, जो पहले अल-कायदा से जुड़ा था और शुरुआती दिनों में जब इसने 2017 में इदलिब पर कब्जा किया था, ने इलाके में ड्रेस कोड समेत बहुत सख्त रवैया लागू किया था। हालांकि, हाल के वर्षों में, एचटीएस ने सार्वजनिक आलोचना के बाद उन कानूनों को निरस्त कर दिया।

 

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Divyanshi Singh

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