India News (इंडिया न्यूज),US:अमेरिका में सत्ता संभालते ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई बड़े और कड़े फैसले लिए हैं। उनके इस फैसले से पूरी दुनिया हिल गई है। इनमें सबसे बड़ा फैसला इमिग्रेशन डिटेंशन बिल है। इसे लैकेन रिले एक्ट भी कहा जाता है। अमेरिकी सदन ने इस बिल को पास कर दिया है। अब इस पर ट्रंप के हस्ताक्षर होने बाकी हैं। उनके हस्ताक्षर करते ही यह कानून बन जाएगा। इस कानून का मकसद अवैध अप्रवासियों पर नकेल कसना है। सत्ता संभालने के बाद ट्रंप जिस पहले कानून पर हस्ताक्षर करेंगे, वह पहला कानून होगा। इसके बाद अमेरिका में अवैध अप्रवासियों की एंट्री बंद हो जाएगी। ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में इसे सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था। यह बिल जॉर्जिया की एक नर्सिंग छात्रा के नाम पर रखा गया है। पिछले साल लैकेन रिले की हत्या कर दी गई थी। इस हत्या का आरोप वेनेजुएला के एक शख्स पर लगा था। कहा गया था कि उसने ही उसकी हत्या की थी। इसके बाद से ट्रंप लगातार इमिग्रेशन डिटेंशन बिल पर बोल रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में भी इसे मुद्दा बनाया था। चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने लैकेन रिले के परिवार से भी मुलाकात की थी।

जो बिडेन के नीतियों को ठहराया जिम्मेदार

उन्होंने रिले की मौत के लिए राष्ट्रपति जो बिडेन और उनकी नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। चुनाव जीतने के बाद से ट्रंप अमेरिका में अवैध अप्रवासियों को घुसपैठिया कहते रहे हैं। उनका मानना ​​है कि दूसरे देशों के लोग अवैध तरीके से अमेरिका में घुसते हैं और अपराध करते हैं। इसलिए उन्होंने देश में अवैध अप्रवासियों के प्रवेश पर रोक लगाने और अवैध अप्रवासियों को पकड़कर सीमा पर छोड़ने की नीति घोषित की है। अमेरिकी सदन ने इमिग्रेशन डिटेंशन बिल को 263-156 वोटों से पारित कर दिया। दुनिया में सबसे ज्यादा अप्रवासी अमेरिका में हैं।

एक झटके में पलट दिए कई फैसले

ट्रंप ने सत्ता संभालते ही देश से लेकर विदेश तक अमेरिकी नीतियों में बदलाव की बात कही है। इसमें अवैध अप्रवासियों को बाहर निकालना, बच्चों की नागरिकता खत्म करना जैसे कई फैसले शामिल हैं। उन्होंने 20 जनवरी को अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। कुछ ही घंटों में उन्होंने जो बिडेन के कई फैसलों को एक झटके में पलट दिया।

क्या है रिले मामला ?

22 वर्षीय नर्सिंग छात्र लैकेन रिले की पिछले साल फरवरी में हत्या कर दी गई थी। हत्या के आरोपी जोस एंटोनियो इबारा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इबारा वेनेजुएला का नागरिक था। 2022 में वह अवैध रूप से अमेरिका में घुस आया था। 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में यह मामला विवाद का विषय बन गया था। लैकेन रिले अमेरिका की ऑगस्टा यूनिवर्सिटी में नर्सिंग का छात्र था।

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