India News (इंडिया न्यूज),Turkey: दुनिया के सबसे ताकतवर मुस्लिम देशों में से एक तुर्की में विपक्षी नेता की गिरफ्तारी ने सत्तारूढ़ सरकार के साथ-साथ देश की व्यवस्था को भी हिलाकर रख दिया है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कभी नहीं सोचा होगा कि उनके प्रतिद्वंद्वी की गिरफ्तारी से उनका तख्तापलट हो सकता है और देश की मुद्रा को भी बड़ा झटका लग सकता है। तुर्की की रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (सीएचपी) के नेता और इस्तांबुल के मेयर एक्रेम इमामोग्लू की गिरफ्तारी के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं और देश की मुद्रा ‘लीरा’ में एक दिन में 2.6 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि इससे पहले यह 12.7 फीसदी गिरकर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई थी। बुधवार को लीरा डॉलर के मुकाबले 42 रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई, इसके अलावा बॉन्ड और शेयरों में भी गिरावट आई है। विपक्ष ने इस्तांबुल के मेयर एक्रेम इमामोग्लू के खिलाफ उठाए गए कदम को ‘तख्तापलट की कोशिश’ बताया है। विपक्षी नेताओं के खिलाफ महीनों से चल रही कानूनी कार्रवाई को असहमति को दबाने की राजनीतिक कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, एक्रेम इमामोग्लू की गिरफ्तारी के बाद जो आक्रोश सामने आया है, उससे लगता है कि यह इतना आसान नहीं है।
कौन हैं एक्रेम इमामोग्लू ?
एक्रेम इमामोग्लू तुर्की की मुख्य विपक्षी पार्टी रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी के नेता और इस्तांबुल के मेयर हैं। इमामोग्लू को 2028 में होने वाले चुनावों के लिए एर्दोगन का प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा है। उनका पिछला रिकॉर्ड भी दर्शाता है कि वह एर्दोगन को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। वह राजनेता होने के साथ-साथ एक व्यवसायी और रियल एस्टेट डेवलपर भी हैं।2023 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी अलायंस ने 600 में से 166 सीटें जीतीं और एर्दोगन की पार्टी AK ने इस चुनाव में 266 सीटें जीतीं। इस समय एर्दोगन का मुकाबला CHP के केमल किलिकदारोग्लू से था। 2028 के चुनावों में एक्रेम इमामोग्लू के CHP से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होने की उम्मीद है, विशेषज्ञों का मानना है कि इसी वजह से सत्तारूढ़ पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
इस वजह से किया गिरफ्तार
एक्रेम इमामोग्लू पर भ्रष्टाचार और एक आतंकवादी समूह की सहायता करने का आरोप है। उनके अलावा पुलिस ने जांच के तहत 100 लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें राजनेता, पत्रकार और व्यवसायी शामिल हैं।गिरफ्तारी के बाद लोगों में भड़के गुस्से को देखते हुए इस्तांबुल गवर्नर ऑफिस ने शहर में विरोध प्रदर्शनों पर चार दिन की रोक लगा दी है। इन सबके बाद इमामोग्लू ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि लोगों की इच्छा को दबाया नहीं जा सकता।