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अमेरिका के व्हाइट हाउस के नीचे बना है ये खुफिया पाताल…कहां जाती हैं 4 सुरंगें? लीक हो गया ऐसा राज, सुनते ही कांप उठी सारी दुनिया

India News (इंडिया न्यूज), White House Tunnel: व्हाइट हाउस को दुनिया की शक्ति का केंद्र माना जाता है, जहां अब 20 जनवरी को सत्ता परिवर्तन होने वाला है। यानि राष्ट्रपति की शपथ लेने के बाद अब डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस का संचालन करेंगे। आइये इसी बहाने व्हाइट हाउस से जुड़े कुछ ऐसे रहस्य आपको बताते हैं जिनसे यह दुनिया अब तक अनजान हैं। क्या आप जानते हैं कि व्हाइट हाउस में कई गुप्त सुरंगें हैं?

दुनिया के हर कोने में गुप्त सुरंगें पाई जाती हैं। ताकि अगर किसी तरह का हमला हो तो बचकर निकलने का मौका मिल जाए। इसीलिए व्हाइट हाउस में कई सुरंगें हैं, जिनसे आपातकालीन स्थिति में राष्ट्रपति, उनके परिवार और व्हाइट हाउस के कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सकता है। जब सुरंगें बनी भी नहीं थीं, तब भी अमेरिकी पत्रकारों के बीच इसके बारे में कई बातें कही जाने लगी थीं। वर्ष 1930 में ये बातें जोरों पर थीं। हालांकि तब व्हाइट हाउस में ऐसी कोई सुरंग नहीं थी, लेकिन वर्ष 1941 में पर्ल हार्बर हमले के बाद इसके निर्माण की वाकई जरूरत महसूस की गई। इस पर काम भी शुरू हुआ।

1950 के दशक में शुरू हुआ था सुरंगों का निर्माण

सुरंगों का निर्माण वर्ष 1950 में तत्कालीन राष्ट्रपति हैरी एस ट्रूमैन के कार्यकाल में शुरू हुआ था। उस समय करीब 150 साल पहले बने इस राष्ट्रपति भवन की हालत खराब होने लगी थी। इसकी दीवारों में कई जगह दरारें आने लगी थीं।

तय किया गया कि इमारत को फिर से बनाने की जरूरत है। फिर राष्ट्रपति ट्रूमैन पास के ब्लेयर हाउस में शिफ्ट हो गए। वे वहां पूरे तीन साल तक रहे। इस दौरान व्हाइट हाउस का नए सिरे से निर्माण किया गया। इस बीच सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक सुरंग भी बनाई गई जो ईस्ट विंग को वेस्ट विंग से जोड़ती थी। इसके जरिए गुप्त बंकर तक पहुंचा जा सकता था।

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दूसरी गुप्त सुरंग 80 के दशक के आखिर में बनाई गई थी

दूसरी गुप्त सुरंग 1987 में बनाई गई थी, जब रोनाल्ड रीगन अमेरिका के 40वें राष्ट्रपति थे। रीगन के कार्यकाल में लगातार बढ़ रहे आतंकी हमलों के खतरे को देखते हुए इस सुरंग का निर्माण किया गया था।

व्हाइट हाउस की वेबसाइट के मुताबिक, सुरंग के जरिए राष्ट्रपति एक गुप्त सीढ़ी तक पहुंच सकते हैं, जो ओवल ऑफिस के पास है, यहां पहुंचने के बाद एक बटन दबाने पर एक गुप्त दरवाजा खुलता है। हालांकि, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि यह दरवाजा कहां जाता है।

एक तीसरी सुरंग भी है

इसके अलावा एक और सुरंग है, जिसके बारे में बहुत से लोग जानते हैं। यह ईस्ट विंग के बेसमेंट से ट्रेजरी बिल्डिंग तक जाती है। इसे 33वें राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट ने बनवाया था। इसे इस तरह से बनाया गया है कि हवाई हमलों का इस पर कोई असर नहीं होता। एक और सुरंग व्हाइट हाउस को ओल्ड एग्जीक्यूटिव ऑफिस बिल्डिंग से जोड़ती है। हालांकि, ऐसा कहा जाता है कि यह सुरंग कई जगहों पर खुलती है, जहां से बाहर कई सुरक्षित और अनजान जगहों पर पहुंचा जा सकता है। हालांकि, इसका कोई लिखित प्रमाण नहीं है।

व्हाइट हाउस में गुप्त सुविधाओं को राष्ट्रपति आपातकालीन संचालन केंद्र (पीईओसी) नाम दिया गया है। इसके तहत सरकारी इमारतों की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली संस्था जीएसए (जनरल सर्विसेज एडमिनिस्ट्रेशन) ने गुप्त बंकर और सुरंगें तैयार कीं।

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न परमाणु बम का असर, न रेडिएशन

एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, निर्माण कार्य को पूरी तरह से गुप्त रखा गया था। यहां तक ​​कि कामगारों के फोन भी टैप किए गए थे। यहां गुप्त बंकर की दीवार इतनी मोटी कंक्रीट से बनी है कि इस पर परमाणु बम और किसी भी रेडिएशन का असर नहीं हो सकता। साथ ही, ऐसी व्यवस्था है कि भूमिगत होने के बाद भी बंकर और सुरंगों में पर्याप्त ऑक्सीजन आती-जाती रहती है। सिएटल टाइम्स के मुताबिक, अंदर हमेशा इतना खाना रखा जाता है कि आपातकालीन स्थिति में कई महीनों तक चल सकता है।

जब डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2017 में सत्ता संभाली थी, तो उन्हें और कुछ शीर्ष अधिकारियों को सभी सुरक्षा व्यवस्थाएं दिखाई गई थीं। वे लंबे समय तक भूमिगत रहे। इसी तरह जब जो बिडेन अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो उन्हें भी ये सुरंगें दिखाई गईं। जब भी अमेरिका का नया राष्ट्रपति शपथ लेता है तो उसे व्हाइट हाउस में इन चीज़ों के बारे में ज़रूर बताया जाता है। हालाँकि, जब ट्रंप दोबारा शपथ लेंगे तो उन्हें पहले से ही इसके बारे में पता होगा।

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Deepak

दीपक पिछले 2.7 सालों से प्रोफेशनल कंटेन्ट राइटर के तौर पर कार्य कर रहे हैं। इनके लिखे स्क्रिप्ट और एंकर किए हुए वीडियो लाखों लोगों तक पहुंचे हैं। दीपक ने धर्म, राजनीति, मनोरंजन और खेल जैसे विषयों पर समृद्ध लेखन किया है। ये हिंदी साहित्य में मास्टर कर चुके हैं जिसकी वजह से इनकी साहित्य में गहरी रुचि और खुद भी एक कवि के तौर पर प्रतिष्ठित हैं।

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