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Wife Of An ISIS Militant : पहली बार दुनिया के सामने आई ISIS आतंकी की दुल्हन

इंडिया न्यूज, लंदन

Wife Of An ISIS Militant : सीरिया में सात साल पहले इस्लामिक स्टेट (ISIS) के आतंकी की ‘दुल्हन’ बनी एक लड़की को अब जाकर अपनी गलती का अहसास हुआ है। बांग्लादेशी मूल की ब्रिटिश लड़की शमीमा बेगम ने ब्रिटेन से भागकर सीरिया में आईएस के आतंकी से निकाह कर लिया था। उसे अब अपनी इस गलती का पछतावा हो रहा है। शमीमा बेगम इस्लामिक स्टेट से तौबा करते हुए अब कहा है कि वह दहशतगर्दों के पास जाने की बजाय मैं मरना पसंद करेगी। ब्रिटेन के लोगों से उसने माफी मांगी है। शमीमा ने आतंकवाद के खिलाफ जंग में मददगार बनने की भी पेशकश की है। उसने कहा है कि वह अपने देश आकर आतंकवाद के सभी मामलों का सामना करने को तैयार है। बता दें कि ब्रिटिश सरकार ने उसकी नागरिकता छीन ली थी। शमीमा बेगम ने एक शो मे कहा, मैं ब्रिटेन के लोगों से अपने को माफ करने के लिए कह रही हूं। मैंने बहुत कम उम्र में एक बड़ी गलती की थी और उस उम्र के अधिकतर बच्चों को पता भी नहीं होता है कि उन्हें अपने जीवन में क्या करना है। इस उम्र में अधिकतर बच्चे भ्रमित होते हैं और वे आसानी से इस तरह की चीजों के झांसे में आकर आसानी से बेवकूफ बन जाते हैं।

Shamima Begum :15 वर्ष की उम्र में ब्रिटेन से भागी

शमीमा अब 22 साल की हो चुकी हे। वह जिस समय ब्रिटेन से सीरिया भागी थी उस वक्त उसकी उम्र महज 15 साल थी। वह सीरिया के एक शिविर में कैदी का जीवन बिता रही है। उसने हालांकि यह भी कहा कि वह जानती है कि ब्रिटेन के लोगों के लिए उसे माफ करना बहुत कठिन होगा। उसने इस बात से इनकार किया कि वह आतंकी गतिविधियों में शामिल थी और यह दावा भी किया कि वह केवल इसलिए सीरिया गई थी क्योंकि वह सोचती थी कि एक मुस्लिम लड़की होने के नाते वह उस समय बिल्कुल सही थी।

Shamima ने पहले कहा था, कोई पछतावा नहीं

शमीमा ने कहा, मैं किसी तरह की हिंसक गतिविधियों में शामिल होने के लिए नहीं गई थी और मैं वहां एक आईएस लड़ाके के प्यार में पड़कर उससे विवाह करने के लिए गई थी। एक रिपोर्टर ने वर्ष 2019 में जब उसका इसी कैदी शिविर से इंटरव्यू लिया था तो उस वक्त उसने कहा था कि एक जिहादी के साथ शादी करने के लिए सीरिया आने में उसे कोई पछतावा नहीं हैं। इस कबूलनामे के बाद ब्रिटिश सरकार ने उसकी ब्रिटिश नागरिकता को समाप्त कर दिया था।

Shamima की नागरिकता समाप्त करने के फैसले को ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया था

ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2020 में नागरिकता समाप्त करने के ब्रिटिश सरकार के फैसले को सही ठहराया था और यह कहा था कि वह अपने नागरिकता संबंधी केस को लडने के लिए अपनी जन्मभूमि नहीं लौट सकती है। उसने ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जानसन से भी उसे स्वदेश लौटने की अनुमति देने की मांग करते हुए कहा है’, ”आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मैं बेहद मददगार साबित हो सकती हूं क्योंकि साफ स्पष्ट रूप से पता ही नहीं है कि आप क्या कर रहे हैं।”

Vir Singh

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