इंडिया न्यूज, नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन का युद्ध शुरू हुए तीन माह होने को हैं। रूस ने यूक्रेन को लगभग पूरी तरह से तबाह कर दिया। यूक्रेन को बर्बाद करने में रूस ने कई तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया है। पुतिन ने यूक्रेन में कई ड्रोन और मिसाइलों को अपने लेजर हथियार जदीरा के जरिए भस्म करने का दावा किया है। इससे यूक्रेनी सैनिकों को अंधा किया जा सकता है। आज की खबर में जानेंगे क्या होते हैं लेजर हथियार, कितना होता है खतरनाक, कौन कौन से देश के पास हैं ये हथियार।
रूस कौन से हथियारों का कर रहा इस्तेमाल
देखा जाए तो व्यापक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक बैंड का यूज करने वाले नए लेजर हथियार अब ट्रेडीशनल हथियारों की जगह ले रहे हैं। रूस ने यूक्रेन युद्ध में नए हथियारों के इस्तेमाल का दावा किया है। रूस ने कहा है कि लेजर हथियार यूक्रेन में ड्रोन जलाकर भस्म कर रहे हैं।
यह दावा ऐसे समय किया है जब अमेरिका सहित पश्चिमी देश यूक्रेन की हथियारों के जरिए मदद कर रहा। कहते हैं कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने पहली बार 2018 लेजर हथियार पेरेसवेट का जिक्र किया था। यह नाम मध्ययुग के ऑर्थोडॉक्स योद्धा मोंक एलेक्जेंडर परेसवेट के नाम पर रखा गया है। परेसवेट की युद्ध के दौरान मौत हो गई थी। रूस के डिप्टी पीएम और मिलिट्री डेवलपमेंट के इंचार्ज यूरी बोरिसोव ने मॉस्को का कहना है कि पेरेसवेट की व्यापक तौर पर तैनाती शुरू हो चुकी है और यह हथियार पृथ्वी से 1500 किलोमीटर दूर मौजूद सैटेलाइटों को अंधा बना सकता है।
रूस ने यूक्रेन में अपना नया और अधिक ताकतवर लेजर हथियार जदीरा तैनात किया है। बोरिसोव ने बताया कि मई की शुरूआत में जदीरा परीक्षण किया गया था। बोरिसोव ने बताया कि जहां पेरेसवेट सैटेलाइट को अंधा बना देता है, वहीं जदीरा ड्रोन और मिसाइलों को जलाकर खाक कर देने में माहिर है। बोरिसोव से जब पूछा गया कि क्या इन लेजर हथियारों का यूक्रेन में यूज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जदीरा के पहले प्रोटोटाइप का इस्तेमाल यूक्रेन में हो रहा है। लेजर हथियार इंफ्रारेड लाइट की बीम यानी किरण भेजकर अपने टारगेट को तब तक गर्म करता है जब तक कि वह जल ना जाए।
कितना खतरनाक हैं लेजर हथियार?
जदीरा के बारे में 2017 में रूसी मीडिया का कहना था कि न्यूक्लियर कापोर्रेशन रोसातोम ने इसे बनाने में मदद की है और यह भौतिकी के नए सिद्धांतों पर आधारित हथियार बनाने के कार्यक्रम के तहत बनाया है। जदीरा 5 किलोमीटर दूर मौजूद ड्रोन और मिसाइलों को 5 सेकेंड के अंदर जलाकर भस्म कर देने में माहिर है। वहीं, पेरेसवेट पृथ्वी से 1500 किलोमीटर की ऊंचाई पर मौजूद सैटेलाइटों को अंधा बना सकता है।
पेरेसवेट इसलिए महत्वपूर्ण है। क्योंकि सैटेलाइट के जरिए ही परमाणु हथियारों को ले जाने वाली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल की निगरानी की जाती है। साथ ही यह फाइटर जेट के पायलट को अंधा कर सकता है। ऑस्ट्रेलिया आर्मी के रिटायर्ड मेजर जनरल ने बताया कि जादिरा जैसे लेजर हथियार ड्रोन के साथ ही यूक्रेन के तोपखाने में तबाही मचा सकते हैं और यूक्रेनी सैनिकों को अंधा कर सकते हैं। हालांकि, इंटरनेशनल कन्वेंशन के तहत यह प्रतिबंधित है।
क्या कारगर है ”जदीरा” हथियार
एक्सपर्ट बताते हैं कि ड्रोन के खिलाफ लेजर हथियार काफी कारगर हो सकते हैं। यह कितना इफेक्टिव होगा यह मौसम पर निर्भर करता है। यानी अच्छे मौसम में यह पूरी तरह से काम करता है, जबकि कोहरा, बारिश और बर्फ होने पर यह लेजर बीम टारगेट से भटक सकती है। कुछ एक्सपर्ट लेजर हथियार की क्षमता पर सवाल उठा रहे हैं। कहा जा रहा है कि लेजर हथियार एक बार में सिर्फ एक जगह ही निशाना लगा सकते हैं और मिसाइल डिफेंस सिस्टम उनसे ज्यादा असरदार हैं, जो एक साथ कई हथियारों को निशाना बना सकते हैं।
लेजर हथियारों का क्यों उड़ रहा मजाक
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने लेजर हथियारों के बारे में चल रही खबरों की तुलना दूसरे वर्ल्ड वॉर में नाजियों के वंडर वेपन से कर उनका मजाक बनाया है। जेलेंस्की ने कहा कि इससे और साफ हो गया है कि इस लड़ाई में उनके लिए कोई उम्मीद नहीं है। जिस विलक्षण हथियार के बारे में कहा जा रहा है कि वह इतना ताकतवर है कि युद्ध का रुख बदल देगा, उसका इतना प्रचार यही दिखाता है। जेलेंस्की ने कहा कि पूरी ताकत से लड़ी जा रही लड़ाई के तीसरे महीने में देख रहे हैं कि रूस अपने वंडर वेपन की खोज करने में जुटा है। यह सब साफ दिखाता है कि उनका मिशन पूरी तरह से नाकाम है।
किन देशों के पास हैं लेजर हथियार?
इजराइल : इजराइल ने इस साल अप्रैल में पहली बार लेजर मिसाइल डिफेंस सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। इसे ”आयरन बीम” नाम दिया गया है। आयरन बीम ने ड्रोन, मोर्टार, रॉकेट और एंटी टैंक मिसाइलों को अपने एक ही वार में तबाह कर दिया था। इजराइल के प्रधानमंत्री नेफ्ताली बेनेट ने बताया था कि इसमें सबसे अच्छी बात यह रही है कि इसके एक वार में खर्च केवल 267 रुपए ही आएगा।
चीन : चीन ने भी इस साल अपने जे-20 फाइटर जेट को लेजर हथियारों से लैस करने की घोषणा की है।
भारत : 2021 की शुरुआत में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आॅगेर्नाइजेशन यानी डीआरडीओ के लेजर वेपन डायरेक्शनली अनरिस्ट्रिक्टेड रे गन अरे, यानी डीयूआरजीए-2 बनाने की बात सामने आई थी। इस लेजर वेपन का इस्तेमाल थल सेना, नौसेना और वायुसेना तीनों कर सकेंगी।
अमेरिका : अमेरिकी नौसेना ने सबसे पहली बार लॉज नामक लेजर वेपन को 2014 में बनाया था। इसे यूएसएस पेंस पर तैनात किया गया था। जनरल अटॉमिक्स इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिस्टम और बोइंग मिलकर अमेरिका का सबसे पावरफुल लेजर हथियार बना रही हैं। यह लेजर हथियार 300 किलोवाट का होगा। इससे किसी ड्रोन, मिसाइल और फाइटर जेट को पलक झपकते ही मार गिराया जा सकेगा।