India News (इंडिया न्यूज),Bangladesh:बांग्लादेश में हिंसक छात्र आंदोलन के बाद शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद छोड़कर भागने पर मजबूर होना पड़ा था। उसके बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार चल रही है। यूनुस सरकार के दौरान शेख हसीना समेत उनकी पार्टी अवामी लीग के नेताओं पर लगातार मामले दर्ज किए जा रहे हैं। हाल ही में अंतरिम सरकार के सलाहकार ने कहा था कि अवामी लीग को चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इस बीच भारत में रहकर शेख हसीना लगातार वर्चुअल माध्यम से समर्थकों को संबोधित कर रही हैं। और अब अवामी लीग मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार को सीधे चुनौती देने जा रही है। अवामी लीग ने पूरे बांग्लादेश में हड़ताल का आह्वान किया है। उनका कार्यक्रम पूरे फरवरी महीने चलेगा। उन्होंने यूनुस सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर 18 फरवरी को पूरे बांग्लादेश में हड़ताल का आह्वान किया है। इस बीच अंतरिम सरकार ने भी जवाबी चेतावनी जारी की है। 18 फरवरी को आवामी लीग की हड़ताल
राजनीति में सक्रिय रूप से फिर से प्रवेश कर रही है आवामी लीग
प्रोथोम एलो की रिपोर्ट के अनुसार, आवामी लीग 1 फरवरी से बांग्लादेशी राजनीति में सक्रिय रूप से फिर से प्रवेश कर रही है। वह 1 फरवरी से कार्यक्रम के पर्चे बांटेगी। यह कार्यक्रम 6, 10 और 16 फरवरी को भी आयोजित किया जाएगा। इसके बाद 18 फरवरी को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया।
हालांकि, यूनुस सरकार ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा कि जो कोई भी आवामी लीग के झंडे के साथ अवैध रूप से विरोध प्रदर्शन करेगा, उसे कानून का सामना करना पड़ेगा। बांग्लादेश में अशांति और हिंसा फैलाने का कोई मौका नहीं दिया जाएगा।
यूनुस सरकार की चेतावनी
हालांकि, अवामी लीग को दी गई इस चेतावनी की गलत व्याख्या से बचने के लिए शफीकुल आलम ने सोशल मीडिया पर लिखा, “अंतरिम सरकार ने सत्ता संभालने के बाद से किसी भी वैध विरोध को रोका या प्रतिबंधित नहीं किया है। हम इकट्ठा होने और संगठन बनाने की स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं।”
आपको बता दें कि हसीना सरकार के गिरने और मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के गठन के तुरंत बाद अवामी लीग के छात्र संगठन छात्र लीग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि, अवामी लीग पर अभी तक प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
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