India News (इंडिया न्यूज), World Largest Coral: वैज्ञानिकों द्वारा हाल ही में प्रशांत महासागर के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा मूंगा खोजा गया है। जलवायु परिवर्तन जैसी परिस्थितियों में इस खोज को महासागर पारिस्थितिकी तंत्र के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण घटना माना जा रहा है। दरअसल, यह मूंगा कई छोटे जीवों का समूह है, जो एक साथ मिलकर एक जीव के रूप में कार्य करते हैं। बता दें कि, इस विशालकाय मूंगा का आकार एक ब्लू व्हेल से भी बड़ा है।
इतना विशाल कैसे हो गया मूंगा?
दरअसल, वैज्ञानिकों का कहना है कि यह मूंगा करीब 300 साल से भी अधिक पुराना हो सकता है। वैज्ञानिकों ने इस विशालकाय मूंगा के आकार को मापने के लिए एक विशेष प्रकार के पानी के नीचे मापने वाले उपकरण का उपयोग किया है। वहीं मूंगा की चौड़ाई 34 मीटर, लंबाई 32 मीटर और ऊंचाई 5.5 मीटर है। यह आकार दर्शाता है कि यह मूंगा समुद्र के गहरे पानी में पाया गया था, जहां यह उच्च सतह के तापमान से सुरक्षित है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह मूंगा समुद्र के स्वास्थ्य के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकता है, खासकर जब समुद्र के अन्य हिस्सों में जलवायु परिवर्तन की वजह से कई चीज संकट में हैं।
कैसे हुई इसकी खोज?
बता दें कि, इस कोरल की खोज नेशनल जियोग्राफिक के वीडियोग्राफर मनु सैन फेलिक्स ने की थी, जो प्रशांत महासागर के सुदूर इलाकों में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन कर रहे थे। मनु ने बताया कि वह ऐसी जगह पर गोता लगा रहे थे। जहां कहा जाता था कि जहाज का मलबा है, लेकिन जब वह वहां पहुंचे तो हैरान रह गए। दरअसल, मनु ने वहां एक विशाल संरचना देखी। मनु ने बताया कि मैं अपने बेटे इनिगो और अपने साथी के साथ गोता लगा रहा था, तभी मेरी नजर समुद्र के गहरे पानी में इस कोरल पर पड़ी। इसे देखकर उन्हें समुद्री ‘गिरजाघर’ जैसा अहसास हुआ।
क्या है इस कोरल का मतलब?
आपको बता दें कि, कोरल की इस प्रजाति को ‘पावोना क्लेवस’ कहा जाता है। यह प्रजाति समुद्र के भीतर अन्य समुद्री जीवों जैसे झींगा, केकड़ा और मछली के लिए घर का काम करती है। इसके साथ ही इसकी उम्र वैज्ञानिकों के लिए अतीत की समुद्री स्थितियों को समझने में काफी उपयोगी साबित हो सकती है। यह कोरल जलवायु परिवर्तन और समुद्र के तापमान में होने वाले बदलावों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दे सकता है। साथ ही कोरल रीफ वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे समुद्र के अंदर जीवन के लिए आश्रय प्रदान करते हैं और समुद्री जैव विविधता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।