India News(इंडिया न्यूज) Russia Ukraine war: रूसी राष्ट्रपति पुतिन की परमाणु चेतावनी भी बेअसर दिख रही है। मंगलवार को यूक्रेन ने रूस पर अमेरिकी ATCAMS मिसाइलों से हमला किया, जबकि बुधवार को कीव ने रूस के खिलाफ ब्रिटिश निर्मित स्टॉर्म शैडो मिसाइलें दागीं। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यूक्रेन ने रूस पर ब्रिटिश स्टॉर्म शैडो मिसाइलें दागी हैं। ब्लूमबर्ग और कई यूके मीडिया आउटलेट्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन ने पहली बार रूसी ठिकानों पर हमला करने के लिए यूके निर्मित स्टॉर्म शैडो मिसाइलों का इस्तेमाल किया है।
ब्रिटेन ने स्टॉर्म शैडो मिसाइल हमले का समर्थन किया
कथित तौर पर कुर्स्क में रूसी नागरिकों को क्षेत्र में रॉकेट के टुकड़े मिले हैं। ब्रिटेन ने पहले ही कहा था कि यूक्रेन यूक्रेनी क्षेत्र के भीतर स्टॉर्म शैडो क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल कर सकता है, लेकिन सरकार महीनों से अमेरिका पर दबाव बना रही थी कि उन्हें रूस के अंदर लक्ष्यों पर हमला करने के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाए। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने इस सप्ताह अपनी नीति में बदलाव करते हुए यूक्रेन को रूस के अंदर गहरे हमले करने के लिए अमेरिका निर्मित हथियारों का इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है।
पुतिन की परमाणु चेतावनी बेअसर
बाइडेन प्रशासन के इस फैसले के बाद रूस ने अपने परमाणु सिद्धांत में बदलाव करते हुए साफ कर दिया है कि अगर कोई भी देश परमाणु संपन्न देश की मदद से रूस पर हमला करता है तो ऐसी स्थिति में वह परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर विचार कर सकता है। इतना ही नहीं, नए परमाणु सिद्धांत के मुताबिक अगर किसी सैन्य गठबंधन का देश रूस पर हमला करता है तो रूस इसे पूरे ब्लॉक का हमला मानेगा। पुतिन के इस फैसले के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध के और भीषण होने की संभावना बढ़ गई है।
बाइडेन ने यूक्रेन को दी नई मदद
इस बीच, बाइडेन प्रशासन ने यूक्रेन के लिए 275 मिलियन डॉलर के सैन्य सहायता पैकेज का भी ऐलान किया है। जिसमें हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS), आर्टिलरी शेल, जेवलिन सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, छोटे हथियार और गोला-बारूद शामिल हैं।
यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब अमेरिका में सत्ता परिवर्तन हो रहा है और डोनाल्ड ट्रंप जल्द ही व्हाइट हाउस में वापसी करने वाले हैं। ट्रंप अपने चुनाव प्रचार के दौरान यूक्रेन को दी जाने वाली अमेरिकी मदद की लगातार आलोचना करते रहे हैं और उन्होंने 24 घंटे में रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने का दावा भी किया था। लेकिन अगर बाइडन प्रशासन के इन फ़ैसलों की वजह से यह संघर्ष और बढ़ता है तो इसे रोकना आसान नहीं होगा।