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Bangladesh सरकार ने लिया बड़ा फैसला,भारत समेत 5 देशों के साथ किया ये काम

India News (इंडिया न्यूज),Bangladesh:बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने नई दिल्ली में अपने उच्चायुक्त समेत पांच दूतों को वापस बुला लिया है। इसके साथ ही सरकार ने घरेलू प्रशासन के साथ-साथ राजनयिक सेवा में भी दूसरे चरण का फेरबदल किया है। एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि यह फैसला भारत द्वारा बांग्लादेश के उच्चायुक्त को ढाका लौटने के आदेश के बाद आया है।

मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने ताजा फेरबदल के तहत भारत, ब्रुसेल्स, कैनबरा, लिस्बन और न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी मिशन में बांग्लादेश के दूतों को तत्काल वापस बुलाने का आदेश दिया है। देश की अंतरिम सरकार ने सभी को ढाका में विदेश मंत्रालय में रिपोर्ट करने को कहा है। नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार का गठन 8 अगस्त को बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर छात्र विद्रोह के बाद हुआ था।

लंदन से लौटने का आदेश

नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया, “राजदूतों को वापस बुलाना सरकार के उस फैसले का हिस्सा है, जिसमें भारत में हमारे उच्चायुक्त मुस्तफिजुर रहमान को ढाका में विदेश मंत्रालय में लौटने के लिए कहा गया है।” लंदन में बांग्लादेश की उच्चायुक्त सादिया मुना तस्नीम को चार दिन पहले ढाका लौटने को कहा गया था।

5 अगस्त को छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े विद्रोह के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के हटने के कुछ सप्ताह बाद अगस्त के आखिर में विदेश सेवा में बड़ा बदलाव हुआ। विद्रोह के बाद अंतरिम सरकार का गठन हुआ। उस समय ढाका ने अमेरिका, रूस, जर्मनी, जापान और सऊदी अरब में अपने राजदूतों और मालदीव में अपने उच्चायुक्त को स्वदेश लौटने का आदेश दिया था।

बड़ा फेरबदल

इनमें से कई राजदूत पूर्व राजनयिक या सेवानिवृत्त और सेवारत प्रशासनिक और सैन्य अधिकारी थे। जिन्हें हसीना सरकार ने विदेश में नियुक्त किया था। इस बीच, कार्यभार संभालने के बाद अंतरिम सरकार ने घरेलू प्रशासन में बड़े बदलाव किए, कई वरिष्ठ अधिकारियों और शीर्ष नौकरशाहों की संविदा नियुक्तियों को रद्द कर दिया, जबकि मुख्य कानून प्रवर्तन एजेंसी के प्रमुख सहित कई पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया।

उन पर जुलाई और अगस्त की शुरुआत में सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली में बदलाव की मांग को लेकर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान छात्रों और नागरिकों की हत्या का आरोप था। गृह मंत्रालय के बर्खास्त वरिष्ठ सचिव जहांगीर आलम और बर्खास्त पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल मामून दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

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Divyanshi Singh

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