India News(इंडिया न्यूज), Britain Denies Visa To Mandela Grandson: दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के पोते ज्वेलीवेलिले मंडेला ने शुक्रवार (26 अक्टूबर, 2024) को कहा कि, ब्रिटेन सरकार ने हमास के प्रति उनके समर्थन और इजराइल-हमास युद्ध पर उनके रुख के कारण उन्हें वीजा देने से इनकार कर दिया है। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, मंडेला इस महीने की शुरुआत में मैनचेस्टर, एडिनबर्ग और ग्लासगो में फिलिस्तीन समर्थक सभाओं को संबोधित करने के लिए यूके की यात्रा नहीं कर सके। दरअसल उन्हें बताया गया था कि दक्षिण अफ्रीकी सरकार का पासपोर्ट होने के बावजूद वीजा की आवश्यकता होगी। जबकि दक्षिक अफ्रीकी सरकार का पासपोर्ट उन्हें वीजा-मुक्त प्रवेश की अनुमति देता है।
इस वजह से ब्रिटेन ने नहीं दिया वीजा
यूके के गृह कार्यालय ने ज्वेलीवेलिले मंडेला को एक पत्र भेजकर सूचित किया कि उनके वीजा आवेदन को उनके हमास के लिए समर्थन के कारण अस्वीकार कर दिया गया था। साथ ही यह भी कहा गया कि यूके में उनकी उपस्थिति जनता की भलाई के लिए अनुकूल नहीं थी। मंडेला ने बताया कि उन्हें 21 अक्टूबर को लिखा पत्र 24 अक्टूबर को मिला। मंडेला को संबोधित करते हुए इस पत्र में लिखा गया है कि यूके में आपकी उपस्थिति को इस आधार पर जनता की भलाई के लिए अनुकूल नहीं माना गया है कि आप अस्वीकार्य व्यवहार में लगे हुए हैं। आपने ऐसे कई बयान दिए हैं जो स्पष्ट रूप से हमास और उनकी आतंकवादी हिंसा का समर्थन करते हैं, जिसमें इजरायल पर 7 अक्टूबर के हमले और उनके हाल ही में मारे गए नेता इस्माइल हानिया का महिमामंडन भी शामिल है।
इस्माइल हानिया से मुलाकात कर चुके हैं ज्वेलीवेलिले मंडेला
इस पत्र में इंस्टाग्राम पर मंडेला की कई पोस्टों का जिक्र किया गया है, जिसमें उन्होंने हमास और फिलिस्तीनियों के लिए अपना समर्थन खुलकर दुनिया के सामने रखा है। इसमें उन्हें हानिया के साथ दिखाया गया है, जो इस साल जुलाई में हवाई हमले में मारा गया था। इस पत्र में ये भी दावा किया गया है कि मंडेला अगस्त में हानिया के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे, इस साल जनवरी और अप्रैल में उनसे दो बार मुलाकात की थी। साथ ही उन्होंने हमास के वरिष्ठ नेता खालिद मेशाल के साथ अपनी एक तस्वीर पोस्ट की थी।
इस पर मंडेला ने क्या कहा?
ब्रिटेन सरकार द्वारा वीजा नहीं देने पर मंडेला ने कहा कि वीजा से इनकार उन्हें फिलिस्तीनियों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करने से नहीं रोकेगा। हमें कभी भी चुप नहीं कराया जा सकता और हम न्याय, शांति और समानता के लिए खड़े होने के लिए वीजा से इनकार को कभी भी आड़े नहीं आने देंगे। हम ब्रिटेन और उसके जैसे लोगों द्वारा प्रायोजित गाजा और फिलिस्तीन पर अन्यायपूर्ण कब्जे, नरसंहार और जातीय सफाए के खिलाफ अपनी आवाज उठाना जारी रखेंगे।
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