इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
इंडियन प्रीमियर लीग 2022 अब लगभग समाप्त होने को है। 26 मार्च को शुरू हुआ यह टूर्नामेंट अब अपने अंतिम चरण में है। आईपीएल का फाइनल मुकाबला 29 मई को खेला जाएगा। पहले क्वालीफ़ायर में गुजरात ने राजस्थान को 7 विकेट से हराकर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है।
एलिमिनेटर मुकाबला आज 25 मई को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और लखनऊ सुपर जाइंट्स के बीच कोलकाता के ईडन गार्डन्स के मैदान पर खेला जाएगा। इस मैच में जीत दर्ज करने वाली टीम 27 मई को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ क्वालीफ़ायर-2 में भिड़ेगी। इसके बाद क्वालीफ़ायर-2 जीतने वाली टीम का सामना फाइनल में आईपीएल की ट्रॉफी के लिए गुजरात के खिलाफ आमने सामने होगी।
आईपीएल अपने अंतिम चरण में है। इंडिया न्यूज़ के साथ हुए एक साक्षात्कार में चारु शर्मा ने कहा कि “किसी भी टीम का मेंटर होना एक मुश्किल काम है। किसी भी मुकाबले से पहले अगर एक मेंटर खिलाड़ियों को कुछ कहता है तो कोच सोचेंगे कि फिर हम यहां क्या कर रहे हैं। एक मेंटर का काम है लोगों से घुलना-मिलना। मेंटर का पद काफी मुश्किलों भरा होता है। कई फ्रेन्चाइसी यह पद क्रिकेट की किसी बड़ी हस्ती को देते हैं। जो कोचों के काम में हस्तक्षेप न करें।”
टीम मैनेजमेंट के बारे में चारु शर्मा ने कहा कि “टीम में सबसे बड़ा पद हेड कोच का होता है। इसके बाद आते हैं, बैटिंग कोच, फील्डिंग कोच, बॉलिंग कोच और एक हेड एनालिस्ट बहुत जरुरी होता है। इसके बाद आते हैं मेंटर। फिर आते हैं 2 से 3 चिकित्सक और ट्रेनर। टीम में एक क्रिकेट ऑपेरशन चीफ भी होता है क्युंकि मैनेजमेंट या सीईओ को क्रिकेट के बारे में ज्यादा पता नहीं होता। उन्हें सिर्फ बिज़नेस के बारे में पता होता है। क्रिकेट ऑपेरशन चीफ को भी खिलाड़ी के जैसे व्यवहार किया जाता है।”
टूर्नामेंट में कोचों के काम के बारे में बात करते हुए चारु शर्मा ने कहा कि “अगर आईपीएल में लगातार कोचिंग कर रहे कोचों की बात करें तो सबसे पहले स्टेफेन फ्लेमिंग का नाम आता है। स्टेफेन चेन्नई सुपर किंग्स के साथ सालों से जुड़े हुए हैं। उनके पास कोचिंग का एक अच्छा अनुभव है। अगर बात करें मैदान में खिलाड़ियों के प्रदर्शन की, तो यह उनका अपना प्रदर्शन है। अपने प्रदर्शन के वह खुद जिम्मेदार होते हैं। आप इसका आरोप कोच पर नहीं डाल सकते।”
मुंबई इंडियंस के ख़राब प्रदर्शन के बारे में चारु शर्मा ने कहा कि “महिला जयवर्धने और सचिन तेंदुलकर ने मुंबई के लिए अच्छा काम किया है। जिसकी बदौलत मुंबई ने पांच बार आईपीएल ट्रॉफी अपने नाम की है। लेकिन इस साल मुंबई का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। कोचिंग स्टाफ भी नहीं बदला। बदला तो सिर्फ मैदान में टीम का प्रदर्शन। खिलाड़ियों को अपने ख़राब प्रदर्शन का आरोप कोच पर नहीं डालना चाहिए। अपने प्रदर्शन की जिम्मेदारी उन्हें खुद लेनी होगी।”
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