होम / Jharkhand News : 3 साल 10 महीने बाद झारखंड को मिला नेता विरोधी दल

Jharkhand News : 3 साल 10 महीने बाद झारखंड को मिला नेता विरोधी दल

Dharambir Sinha • LAST UPDATED : October 17, 2023, 2:15 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़),Jharkhand News : झारखंड में भी बड़े जातीय समूह को साधने की कवायद तेज हो गई है। बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और बोकारो के चंदनक्यारी से विधायक अमर बाउरी को पार्टी ने बड़ी जिम्मेवारी देते हुए नेता विधायक दल बनाया है । बीजेपी द्वारा अधिकृत पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे की रिपोर्ट पर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अमर कुमार बाउरी के नाम पर मुहर लगाया है।

जेपी पटेल अब विधानसभा में पार्टी सचेतक

इस पद के लिए सबसे आगे चल रहे मांडू के विधायक जेपी पटेल अब विधानसभा में पार्टी के सचेतक होंगे। गौरतलब है की बाबूलाल मरांडी के नेता प्रतिपक्ष का मामला स्पीकर के कोर्ट में लंबित रहा। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कुछ ही महीनों के भीतर बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी जेवीएम का विलय बीजेपी में कर दिया था। उस समय बीजेपी ने उन्हें विधायक दल का नेता चुना। मगर विधानसभा अध्यक्ष ने बाबूलाल मरांडी को विपक्ष के नेता का दर्जा ही नहीं दिया।

बाउरी के रूप में मिला विधायक दल का नेता

जेवीएम (पी) के विभाजन और विलय पर स्पीकर की अदालत में दल-बदल विरोधी कानून के तहत सुनवाई अभी तक चल रही है। हालाकी हाल ही में बीजेपी ने बाबूलाल को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है। उनकी जगह नए विधायक दल का नेता ढूंढा जा रहा था। जो अब जाकर अमर बाउरी के रूप में मिला है । बीते जुलाई में केंद्रीय पर्यवेक्षक अश्विनी चौबे सभी विधायकों से रायशुमारी कर तीन-तीन नाम लेकर दिल्ली गए थे । जिसके बाद अब जाकर फैसला लिया गया है।

 2024 के मानसून सत्र के बाद चुनाव होने की उम्मीद

2019 से अब तक झारखंड विधानसभा का 12 सत्र बिना नेता विरोधी दल के बीत चुका है। 2024 में विधानसभा चुनाव है। अब सिर्फ तीन सत्र ही बचे हैं। 2024 का बजट सत्र और मानसून सत्र के बाद चुनाव होने की उम्मीद है । वैसे 4 साल की लंबी अवधि में सदन को नेता प्रतिपक्ष नहीं मिलने से राज्य को बड़ा नुकसान हुआ है। नेता प्रतिपक्ष नहीं होने कारण सूचना आयोग और लोकायुक्त समेत कई संवैधानिक पदों पर नियुक्ति नहीं हो पाई और जनता की हजारों शिकायतें धरी की धरी रह गई है।

सूचना आयुक्तों के सभी पद खाली

झारखंड में सूचना आयुक्तों के सभी पद ढाई साल से खाली है। शिकायतों की अंबार है। यही हाल झारखंड में लोकायुक्त बहाल नहीं होने के कारण यहां भी अधिकारियों के भष्ट्रचार की शिकायतों की लंबी सूची है। वैसे अब तक सिर्फ तीन लोकायुक्त समय-समय पर झारखंड में नियुक्त हुए। हालांकि दूसरे राज्यों की तरह झारखंड के लोकायुक्त को कुर्की, छापेमारी, सर्च वारंट जारी करने जैसे अधिकार नहीं है। बावजूद इसके लोकायुक्त के पास 2010 से अबतक तक करीबन 9 हजार से अधिक शिकायतें आयीं हुई है।

ये भी पढे़:

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.