इंडिया न्यूज़: (Loan Recovery) अगर आपने भी लिया हैं बैंक से लोन लेकिन समय पर किसी वजह से चुकाने में है असमर्थ लेकिन बैंक आपसे बार -बार वसूली के लिए दबाव बना रही हैं, तो अब आपको चिंता करने की कोई बात नही है, क्योंकि बैंक अब मनमानी नही कर सकती, लोन रिकवरी को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सख्त नियम बना रखा हैं, जो हर बैंक के लिए इसका पालन करना जरूरी हैं लेकिन फिर भी देशभर में रिकवरी एजेंट्स की मनमानी के कई मामले होते रहते हैं । तो आइए जानते हैं RBI के इन नियमों के बारे में।
- क्या हैं लोन रिकवरी के नियम
- आरबीआई के क्या हैं दिशा निर्देश
- RBI ने RBL बैंक पर लगाया हैं इतना जुर्माना
क्या हैं लोन रिकवरी के नियम
बता दें कि जब कोई किसी बैंक से लोन लेता है और 2 महीने तक EMI नहीं चुका पाते तो बैंक सबसे पहले आपके पास एक रिमाइंडर भेजता है। 3 किस्त का भुगतान नहीं करने पर बैंक आपको एक कानूनी नोटिस भी भेजगा और उसमें चेतावनी भी देगा कि अगर आप पेमेंट नहीं करते हैं तो बैंक की तरफ से आपको डिफॉल्टर घोषित कर दिया जायेगा। वहीं नोटिस के बाद बैंक रिकवरी एजेंट के माध्यम से ग्राहक से लोन की रिकवरी शुरू करता है।
आरबीआई के क्या हैं दिशा निर्देश
- RBI के द्वारा बैंको को पहले ही ग्राहकों को वसूली एजेंसी के विवरण के बारे में सूचित करें,
- बैंक एजेंट को डिफॉल्टर से मिलते समय प्राधिकरण पत्र और बैंक के नोटिस की कॉपी साथ रखनी होगी,
- अगर लोन लेने वाले व्यक्ति के द्वारा शिकायत की गई है, तो बैंकों को संबंधित मामले में रिकवरी एजेंट्स को तब तक भेजने की अनुमति नहीं देनी है जब तक शिकायत का समाधान न हो जाये,
- बैंक यह सुनिश्चित करेगा कि वसूली प्रक्रिया के संबंध में उधारकर्ताओं की शिकायतों का उचित समाधान किया जाए।
RBI ने RBL बैंक पर लगाया हैं इतना जुर्माना
ग्राहक लोन लेने के बाद जब समय पर किस्त नही चुका पाता हैं तो बैंक उसे पैसे के लिए दबाव बनाने लगता हैं, ऐसे कई मामले देश में अक्सर आते रहते हैं। साथ ही इन वसूली के तौर-तरीकों को लेकर बैंक एजेंटों की शिकायतें भी आती हैं। जिसको लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन रिकवरी के गलत तरीकों को लेकर प्राइवेट सेक्टर के RBL बैंक पर 2.27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया हैं ।
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