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Chittorgarh Fort is a Sign of The History of Rajputs राजपूतों के इतिहास की निशानी चित्तौड़गढ़ का किला

India News Editor • LAST UPDATED : January 20, 2022, 12:53 pm IST

Chittorgarh Fort is a Sign of The History of Rajputs

राजपूतों के इतिहास की निशानी चित्तौड़गढ़ का किला

इंडिया न्यूज ।

Chittorgarh Fort is a Sign of The History of Rajputs राजपूतों के इतिहास की निशानियों में से एक राजस्थान मेंं स्थित चित्तौड़गढ़ का किला। यह किला भारत में स्थित सबसे बड़ा किला है । जिसका निर्माण 7वी शताब्दी में मौर्य शासन में हुआ था ।

इस किले के अंदर दीवारों पर हस्तशिल्प व वास्तुकला के नमूनें देखने को मिलेंगे । जो भारत की आजादी, साहस, बलिदान और प्राचीन प्रतिमा के साक्ष्य के तौर पर पूरे विश्व में जाना जाता हैं। यह किला कई कहानियों का गवाह है जो राजपूतों के इतिहास व हुकूमत की निशानी दर्ज करवाता है । तो आइए जानते हैं कि यह किला इतना ऐतिहासिक क्यों हैं और क्या है इसका इतिहास ।

 

किला का इतिहास Chittorgarh Fort is a Sign of The History of Rajputs

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित इस किले का निर्माण 7वीं शताब्दी में स्थानीय मौर्य शासकों द्वारा किया गया था। इस किले को कई लोग पद्मावत फोर्ट, चित्रकोट के नाम से भी जानते हैं। ये किला भारत के राजस्थान राज्य के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है।

इस किले का इतिहास काफी रोचक और पुराना है। इसके निर्माण के लिए एकमत साक्ष्य नहीं मिले है । क्योंकि अलग -अलग इतिहासकार इसे महाभारत व मौर्य शासन का मान रहें है ।

 

वास्तुकला का नमूना Chittorgarh Fort is a Sign of The History of Rajputs

यह किला पूरे विश्व में भारत के सबसे बड़े किले और अपनी खूबसूरत वास्तुकला के लिए जाना जाता है। साथ ही, इस किले को राजस्थान राज्य का गौरव भी कहा जाता है। यह किला 700 एकड़ भूमि में फैला हुआ है ।

वहीं लगभग 13 किलोमीटर की परिधि में बना है। इस किले की संरचना काफी खूबसूरत और आकर्षक है। किले की दीवारों पर अनेक खूबसूरत डिजाइन और शिलालेखों बने हुए है । इसे किला में प्रवेश के लिए 7 द्वार बने हुए है । गंभीरी नदी के पास बसे किले के अंदर और इसके आसपास कई तरह की गुफाएं, झील, मंदिर और एक प्राचीन सुरंग भी देख सकते हैं।

 

किला की खासियत Chittorgarh Fort is a Sign of The History of Rajputs

चित्तौड़गढ़ किला भारत का सबसे प्राचीन और ऐतिहासिक किला है । जिसे यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया है। यह व्यापक रूप से अपनी खूबसूरत वास्तुकला के लिए जाना जाता है। यह राजस्थान के सबसे बड़े और पुराने किले में से एक है। इसके अलावा, ये किला ट्रेकिंग स्थलों के लिए भी लोकप्रिय है। क्योंकि आपको किले तक पहुंचने के लिए कई ट्रेकिंग मार्ग मिलेंगे। पर्यटक दूर-दूर से ट्रेकिंग करने आते हैं। अगर आप ट्रेकिंग का शौक रखते हैं, तो इस किले को एक्सप्लोर कर सकते हैं।

 

कई तरह की मिलेगी हस्तशिल्प कलाएं Chittorgarh Fort is a Sign of The History of Rajputs

इस किले के अंदर आप राजा,महाराजाओं के समय की प्रसिद्ध जैसे विजय स्तंभ, कीर्ति स्तंभ, राणा कुंभ महल, रानी पद्मावती महल, कुंभ श्याम आदि हस्तशिल्प कला के नमूनें मिलेंगे । जो आपकों प्राचीन समय से जोड़नें की कोशिश करेंगे । साथ ही, आप राजस्थान की संस्कृति और फेमस व्यंजनों का भी लुत्फ उठा सकते हैं। यह शहर विश्व भर में अपनी हस्तशिल्प कलाओं के बारे में भी जाना जाता है । हालांकि, राजस्थान में मौजूद सभी किलों में यह किला सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है।

 

सितंबर से मार्च के महीनें में घूमें Chittorgarh Fort is a Sign of The History of Rajputs

अगर आप अकेले या परिवार सहित किला घूमने के इच्छुक है तो आप इससे महीनें के किसी दिन भी देख सकते है । लेकिन अगर आप सितंबर से मार्च के बीच के महीनों में देखोगें तो सबसे अच्छा रहेगा । इन महीनों में मौसम मिला जुला सा होता है ।

 

सुबह 10 से शाम 6 बजे तक है समय Chittorgarh Fort is a Sign of The History of Rajputs

अगर आप चित्तौड़गढ़ किले की सैर करने के इच्छुक हो तो यह सप्ताह के सातों दिन खुला रहता है । वहीं इसको देखने का समय सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक निश्चित है । आप परिवार सहित किसी दिन भी किले को देख सकते है । इस किले की सैर करने के बाद यकीनन आपको बहुत अच्छा लगेगा।

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