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Diabetes Treatment मधुमेह का उपचार हुआ आसान

Mukta • LAST UPDATED : October 22, 2021, 9:32 am IST

नेचुरोपैथ कौशल

Diabetes treatment  अगर कोशिश करें तो 7 दिन में मधुमेह कंट्रोल कर सकते हैं।  आधुनिक जीवनशैली ने अनेक बीमारियों को जन्म दिया है। उनमें से मधुमेह (Diabetes) भी एक है। मधुमेह के मरीजों की संख्या तेजी के साथ बढ़ती जा रही है।
समय रहते अगर इस पर काबू नहीं पाया गया तो वह दिन दूर नहीं जब यह बीमारी महामारी का रूप ले लेगी।
शारीरिक श्रम से बचने, विलासिता का जीवन जीने, अधिक कैलोरी वाला भोजन करने, पूरी नींद नहीं लेने, तनाव में रहने और व्यायाम नहीं करने के कारण यह बीमारी निरंतर लोगों को अपनी चपेट में लेती जा रही है।

क्या होता है मधुमेह

प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार मधुमेह का रोग केवल शक्कर अधिक खाने से नहीं होता है, बल्कि उसका मुख्य कारण है, कार्बोंहाइडड्रेट, फैट्स या प्रोटीन का अधिक सेवन करना।
इस स्थिति में पैंक्रियाज ग्रंथि पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे पैंक्रियाज ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन उत्पन्न नहीं कर पाती।
पैंक्रियाज से निकलने वाला इंसुलिन रक्त में मिलकर शर्करा का ज्वलन करके उसे ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है, लेकिन यदि पैंक्रियाज ग्रंथि सक्रिय नहीं होती, तो इंसुलिन का अल्प स्राव होने पर रक्त में शर्करा का ज्वलन ठीक तरह से नहीं हो पाता है और गुर्दे उसे छानकर मूत्रमार्ग से बाहर कर देते हैं।
इस स्थिति को मधुमेह कहा जाता है।

मधुमेह के प्रकार

मधुमेह की बीमारी दो तरह की होती है, टाइप-वन और टाइप-टू।

टाइप-वन मधुमेह में पैंक्रियाज ग्रंथि इंसुलिन उत्पन्न नहीं कर पाती जबकि
टाइप-टू मधुमेह में पैंक्रियाज ग्रंथि अल्प मात्रा में इंसुलिन उत्पन्न करती है।

मधुमेह के लक्षण

मधुमेह के मरीज को बार-बार प्यास लगती है।
मुंह का स्वाद मीठा रहने लगता है।
ज्यादा और बार-बार भोजन करने पर भी वजन घटने लगता है।
नेत्र ज्योति पर असर पड़ता है और त्वचा रूखी और खुरदरी हो जाती है।
हाथ-पैर सुन्न पड़ने लगते हैं।
पैरों की उंगलियों में जख्म हो जाते हैं, जो जल्दी नहीं भरते हैं।
मूत्र के स्थान पर चींटियां एकत्र होने लगती हैं तथा यौन शक्ति में भी कमी आ जाती है।

प्राकृतिक उपचार

आहार में परिवर्तन कर मधुमेह को नियंत्रण में रखा जा सकता है।
ऐसे रोगी को मेथी, लौकी, करेला, तोरी, शलगम, प्याज, जामुन, लहसुन, बेल पत्र, टमाटर तथा बथुआ, पालक, बंद गोभी आदि पत्तेदार सब्जियां खानी चाहिए।

5 किलो गेहूं,
आधा किलो चना,
आधा किलो ज्वार,
200 ग्राम अलसी मिले आटे की रोटी खाना मधुमेह रोगी के लिए फायदेमंद होता है।

खट्टे स्वाद वाले फल, सलाद, धनिए की चटनी का विशेष रूप से सेवन करना चाहिए।

योग भी है कारगर

अपनी दिनचर्या में योग को जरूर शामिल करें।
इससे आचार-विचार, व्यवहार, स्वभाव आदि सब कुछ बदलने लगता है, जिससे शरीर में सकारात्मक परिवर्तन होने लगते हैं।
मयूरासन, भुजंगासन, कपाल भांति और प्राणायाम से इंसुलिन उत्पन्न करने वाली पैंक्रियाज ग्रंथि पर सीधा असर होता है।

परहेज

किसी भी खाद्य पदार्थ का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
घी, तेल आदि का सेवन न करें।
मांस-मछली एवं अंडे का सेवन न करें।
क्रोध आदि से स्वयं को दूर रखें।
ये मधुमेह को बढ़ाते हैं।

याद रखिये

“प्रकृति कभी बीमारी पैदा नहीं करती बल्कि मुनष्य अपनी गलत जीवन शैली, गलत भोजन, गलत आदत, गलत स्वभाव के कारण बीमार होता है।”

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