इंडिया न्यूज, Electric Shock Prevention: करंट यानी बिजली का झटका (इलेक्ट्रिक शॉक) कहीं भी लग सकता है। कई मामलों में इलेक्ट्रिक शॉक लगने पर करंट के शरीर के माध्यम से गुजरने पर कार्डीएक अरेस्ट यानि हृदय गति रुकने का खतरा होता है। कई बार करंट लगने से जलन और छाले हो सकते हैं। बता दें तेज करंट लगने से दिल और दिमाग पर इसका असर पड़ता है।

बता दें बारिश में करंट लगने का खतरा घर और बाहर दोनों जगह रहता है। जरा-सी लापरवाही जान जोखिम में डाल देती है। हाल ही में एक के बाद एक करंट की घटानाएं सामने आई हैं। जैसे उत्तर प्रदेश के बांदा में एटीएम से रुपये निकालने गए युवक ने जैसे ही दरवाजा खोला उसे जोर से झटका लगा। उसे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा।

वहीं खंभे में दौड़ रहे करंट की चपेट में एक कांवड़ यात्री आ गया और बेहोश हो गया। उधर मध्यप्रदेश के एक गांव में 70 साल की बुजुर्ग महिला को पानी की मोटर बंद करने के दौरान पिन निकालते समय करंट लगा। तो चलिए जानेंगे बिजली का करंट लगने के बाद कौन से ऐसे काम करने चाहिए जिससे करंट लगने वाले व्यक्ति की जान बचाई जा सके।

आखिर करंट क्यों लगता है?

आपको बता दें कि जो चीजें अच्छी सुचालक होती हैं। वो इलेक्ट्रॉन को आसानी से बाहर जाने नहीं देती। इसलिए इलेक्ट्रॉन में दौड़ते रहते हैं और उस चीज में करंट भी दौड़ता रहता है। जो चीजें बिजली की खराब सुचालक होती हैं, वो इलेक्ट्रॉन को बाहर जाने से रोक नहीं पाती हैं। इसलिए कई बार उसमें इलेक्ट्रॉन जमा हो जाते हैं। पॉजिटिव चार्ज निगेटिव चार्ज को अपनी ओर खींचते हैं। जैसे- कंघी अपनी तरफ कागज के टुकड़ों को खींचता है।

जब किसी चीज में इलेक्ट्रॉन की संख्या बढ़ती है तब उसमें निगेटिव चार्ज बढ़ता है। फिर कोई भी इंसान किसी ऐसी चीज को छूता है तो उसके शरीर के पॉजिटिव इलेक्ट्रॉन सामने वाली चीज के इलेक्ट्रॉन को अपनी तरफ खींचने लगते हैं। इन इलेक्ट्रॉनों की हाई स्पीड के कारण करंट लगता है। इन चीजों में होता करंट का डर: एटीएम मशीन, बिजली के खंभे, हाईटेंशन तार और इलेक्ट्रिक मशीन, कूलर, स्विच बोर्ड, नल, फ्रिज, वाशिंग मशीन और घर के बाहर लगी मोटर आदि में।

किस उम्र के लोगों को करंट का रहता है खतरा?

12 साल से कम उम्र के बच्चों को बिजली के झटके लगने का खतरा घर के अंदर ज्यादा रहता है। ये बच्चे जमीन पर घुटनों के बल चलते हैं, किसी भी चीज को छू देते हैं, ऐसे में बिजली की तारों के संपर्क में आने से बचाने के लिए स्विच बोर्ड के कवर रखें। बच्चों को बिजली की तारों के साथ नहीं खेलने दें। पुराने बिजली आउटलेट की अर्थिंग कराएं। अपनी पावर कॉर्ड और एक्सटेंशन कॉर्ड का चेक करें। टूटे व कटे हुए तारों को बदलें।

करंट से शरीर को क्या नुकसान है?

  • ट्रू इंजरी: इसमें इंसान का शरीर इलेक्ट्रिक सर्किट का ही एक पार्ट बन जाता है।
  • स्किन इंजरी: करंट का असर थोड़े समय के लिए होता है। इससे शरीर के थोड़े से ही टिश्यू डैमेज होते हैं। थोड़े से भी ज्यादा एक्सपोजर होने पर कपड़े जल जाएं तब उसे फ्लेश इंजरी कहते हैं।
  • लाइट इंजरी: इसमें बहुत कम समय के लिए शॉक यानी झटका लगता है, लेकिन करंट पूरी बॉडी में चला जाता है।

ये परेशानी भी हो सकती है?

आंखों से धुंधला दिखने लगता है। हाथ पैर में झुंझुनाहट होने लगती है। सिर में दर्द रहने लगता है। घबराहट होने लगती है। सुनने में दिक्कत होने लगती है। मुंह में छाले आना शुरू हो जाते हैं।

करंट लगने से क्यों मरता है व्यक्ति?

Why does a person die due to electrocution?

दरअसल ट्रू और लाइट इंजरी इंसान के लिए खतरनाक होती हैं। इन दोनों ही सिचुएशन में तुरंत व्यक्ति को अस्पताल लेकर जाना चाहिए। करंट से मौत की वजह हार्ट यानी दिल का सही तरह से काम नहीं कर पाना होता है। ऐसे में हार्ट न तो खून पंप करता है न ही वहां खून रुकता है। इसे एट्रियल और वेंट्रिकुलर फेब्रिलेशन कहते हैं। यह मौत का कारण बनता है। कई बार मरीज कोमा में चला जाता है, उसके बाद सांस बंद हो जाती है। इसे कार्डियो पल्मोनरी अरेस्ट भी कहा जाता है।

घर में करंट से बचने के लिए ये तरीका अपनाएं

खराब एक्सटेंशन बोर्ड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। खराब इलेक्ट्रिक डिवाइस इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। टोस्टर में अगर ब्रेड फंस जाए तो उसे निकालने से पहले प्लग निकाल लेना चाहिए। लाइट या बल्ब बदलने से पहले, लाइट बंद कर दें या लैंप को अनप्लग करें। दीवार में छेद कर रहे हैं तो उससे पहले बिजली के तार वहां पर हैं कि नहीं यह सुनिश्चित करें। बाथरुम में गीले बदन हेयर ड्रायर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

ये सावधानियां भी बरतें

सबसे पहले आप आसपास ठीक से देख लें कि करंट फैला है या नहीं, उस इलाके में सावधानी पूर्वक जाएं। स्विच बोर्ड बंद करने के लिए लकड़ी और कार्ड बोर्ड जैसी चीजों का इस्तेमाल करें। कोई करंट से चिपक गया है तो उसे लकड़ी के स्टूल पर खड़े होकर सूखी लकड़ी की छड़ी से अलग करने की कोशिश करें। चिपके हुए व्यक्ति को छूने से पहले रबर के दस्ताने पहन लें।