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कंपनी कर रही Layoff, तो पैसे सैलरी के हिसाब से मिलेंगे या बेसिक पे, जान लें यह नियम

India News (इंडिया न्यूज), Layoffs Employee Right: एक कर्मचारी होने के नाते अपने अधिकारों और कानून के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। आज कल निजी कंपनियां कभी भी अपने कर्मचारियों को निकाल देती है। अगर आपके ऊपर कई जिम्मेदारियां हैं तो यह एक तरह से सड़क पर आ जाने जैसा है। इस दौरान सबसे बड़ी टेंशन होती है पैसों की। इसलिए जरूरी है कि आपको कर्मचारियों और कंपनियों से संबंधित नियम के बारे में जान लेना चाहिए। इससे आपको बहुत फायदा होगा। कम से कम ये जानकारी आपकी तब तक मदद करेगी जब तक आपकी दूसरी नौकरी नहीं लग जाती है। आइए जानते हैं उस नियम के बारे में।

आज कल प्राइवेट कंपनियों में नौकरी किसी रिस्क से कम नहीं है। कभी भी आपकी नौकरी जा सकती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब कोई कंपनी किसी कर्मचारी को नौकरी से निकालती  है, तो कंपनी की ओर से छंटनी के लिए एक वेतन या मुआवजा देना होता है लेकिन कितना। क्या वह महीने भर के वेतन के बराबर होता है या फिर बेसिक पे देने का नियम है। इस सवाल का जवाब छुपा है हमारे लेबर लॉ में। जिसमें कर्मचारी के पास क्या अधिकार है उसके बारे में बताया गया है। साथ ही अगर कंपनी नियम का उल्लंघन करती है तो कानूनी क्या कार्रवाई कर सकते हैं। जानते हैं इसके बारे में

क्या है कानून

देश के हर प्राइवेट कंपनी के पास यह अधिकार है कि वह अपने यहां काम करने वाले कर्मचारियों को नौकरी से निकाल सके। इसके साथ ही कंपनियों को कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है। जिसके बारे में इंडियन लेबर लॉ में बताया गया है।

  • अगर आप किसी कंपनी में लगातार पांच सालों से काम करे रहें हैं और अचानक कंपनी की ओर से आपको निकाल दिया जाता है तो Gratuity Act 1972 के तहत आपको  ग्रेच्युटी कंपनी की ओर से दिया जाएगा।
  • इसके साथ ही आपने जितने दिन काम किए हैं उतने दिन की पूरी सैलरी भी उस कंपनी को देना होगा।
  • यह नियम उनके लिए भी हैं जिनकी हाल ही जॉइनिंग हुई है। जान लें कि हर कंपनी में नोटिस पीरियड का नियम अलग होते हैं। अगर कोई कर्मचारी कंपनी छोड़ता है तो रिजाइन देने के बाद नोटिस पीरियड सर्व करना पड़ता है।
  • वहीं अगर कंपनी आपको निकालती है तो नोटिस पीरियड की अवधि के दौरान आपको बेसिक पे होगा।
  • नोटिस पीरियड नियम के अनुसार यह 30 से 90 दिन का होता है, लेकिन इसे कंपनियां अपने हिसाब से बदल सकती हैं।

छुट्टी के दौरान टर्मिनेशन तब..

अगर आप लीव पर हैं और तभी कंपनी टर्मिनेट कर देती है तब ऐसे में वह लीव इनकैशमेंट करती है। जिसके तहत आपको छुट्टियों के बदले कंपनी द्वारा पे किया होता है। इतना ही नहीं अगर किसी को अपना पीएफ निकालना है  या उससे जुड़ी कोई और सहायता चाहिए तो वह कंपनी देगी। यह नियम में आता है। एक और सबसे अहम बात जिसका ख्याल आपको रखना चाहिए कि अगर आपसे कंपनी नौकरी ज्वॉइन करते वक्त कोई कॉन्ट्रैक्ट साइन कराती है तो वह उसी के हिसाब से आपके साथ बर्ताव करेगी।

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