Side Effects of Hair Smoothing: आज के दौर में हर किसी को सुंदर, शाइनी और चमकते बाल चाहिए। आजकल बालों को सीधा और रेशमी रखने के लिए हेयर स्मूदनिंग करवाने का काफी चलन है। खासकर पार्टीज या अन्य खास मौकों पर और अगर कोई थोड़ा स्टाइलिश है लोग सैलून जाकर हेयर स्मूदनिंग करवाते हैं। बता दें कि हेयर स्मूदनिंग की प्रोसेस में केमिकल ट्रीटमेंट के जरिए बालों को मुलायम, सिल्की और सीधा कर दिया जाता है। हेयर स्मूदनिंग करीब साल भर तक चलती है और इस दौरान बाल धोने के बाद भी बाल सीधे और मुलायम ही रहते हैं।
आपको बता दें कि स्मूदनिंग एक केमिकल प्रोसेस है, जिसमें बालों को फॉर्मेल्डिहाइड सॉल्यूशन में सैचुरेट किया जाता है और अमीनो एसिड की परत चढ़ाई जाती है। सैचुरेशन के बाद इन्हें हीटिंग आयरन से स्ट्रेट करके सुखाया जाता है। इससे बाल लंबे समय तक स्ट्रेट यानी सीधे रहते हैं और इनमें बल नहीं आते, ये सिल्की और शाइनी भी बने रहते हैं।
देखने में तो ये ट्रीटमेंट काफी फायदेमंद लगता है क्योंकि लोगों को सीधे और बगैर उलझे बाल चाहिएं। लेकिन इसमें कैमिकल ट्रीटमेंट की मदद ली जाती है, जिस वजह से इसके कईं साइड इफेक्ट और नुकसान हो सकते हैं। हालांकि, आजकल कईं लोग हेयर स्मूदनिंग करवाते हैं लेकिन वो नहीं जानते कि बार-बार वालों पर केमिकल ट्रीटमेंट लेने से बाल डेमेज होते हैं औऱ उनकी जड़ों को नुकसान पहुंचता है।
हेल्थ लाइन के अनुसार, हेयर स्मूदनिंग प्रोसेस में बालों पर केमिकल ट्रीटमेंट किया जाता है, इसलिए बालों पर इसका बुरा असर पड़ना लाजमी है। किसी भी तरह का केमिकल नाजुक बालों को रफ और कमजोर कर देता है। ऊपर से देखने पर तो बाल शाइनी लगते हैं लेकिन उनकी कुदरती मजबूती खोने लगती है।
बार-बार केमिकल यूज़ होने पर बाल कुदरती चमक खो देते हैं और डल होने लगते हैं। अगर कोई केमिकल की परत बालों पर हमेशा चढ़ी रहेगी तो कुदरती उनको पोषण कैसे मिलेगा। इसलिए हेयर स्मूदनिंग प्रोसेस ज्यादा करवाने से बाल अपनी नेचुरल चमक और पोषण खो सकते हैं।
हेयर स्मूदनिंग ट्रीटमेंट में केमिकल और हीटिंग की वजह से बालों की जड़ों को खासा नुकसान पहुंचता है। जड़े मजबूत होने की बजाय कमजोर हो जाती हैं। साथ ही नए बाल उगाने वाली ग्रंथियां भी कमजोर होती है। जिसके चलते नए बालों के बनने की प्रक्रिया या तो धीमी होती है या बंद हो जाती है।
हेयर स्मूदनिंग के दौरान बालों की जड़ों, कोशिकाओं पर केमिकल की परत चढ़ाने से कुदरती क्यूटिकल्स को नुकसान पहुंच सकता है। हीटिंग और आयरनिंग की वजह से दोमुहें बाल होने लगते हैं, रूसी की समस्या बढ़ सकती है और बाल लगातार हीटिंग की वजह से कमजोर हो सकते हैं।
हेयर स्मूदनिंग केवल बालों और बालों की जड़ों को ही नहीं बल्कि त्वचा को भी नुकसान पहुंचाती है। इससे एलर्जी हो सकती है। केमिकल के संपर्क में आने पर आंखों को नुकसान हो सकता है और ट्रीटमेंट के दौरान और बाद में सांस की नली में जलन की शिकायतें भी देखी जाती हैं। लगातार हेयर स्मूदनिंग के चलते लोगों के फेफड़ों में भी दिक्कत होने लगती है।
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