यहां जानें मुगल हरम से जुड़ी 10 अहम बातें, जानकर हो जाएंगे शॉक्ड
India News(इंडिया न्यूज),Mugal Haram Stories: हरम शाही महिलाओं के रहने के लिए एक अलग जगह होती थी। हरम वो जगह होती थी जहाँ मुस्लिम राजा के लिए हर तरह की औरतें रखी जाती थीं। ये उनके राजाओं की अय्याशी का अड्डा हुआ करता था। हरम में ज़्यादातर औरतें हिंदू औरतें होती थीं जिन्हें जबरन लाया जाता था। आइए जानते हैं मुगलों के हरम के बारे में 10 हैरान कर देने वाले तथ्य…
अपनी किताब अकबरनामा में अबुल फ़ज़ल ने लिखा है कि भारत में हरम का निर्माण बादशाह बाबर ने शुरू किया था, लेकिन इसे पूर्ण रूप देने वाले बादशाह अकबर ही थे। कहा जाता है कि अकबर के हरम में करीब 5000 औरतें हुआ करती थीं।
बादशाह के अलावा किसी और पुरुष को हरम में जाने की इजाज़त नहीं थी। बादशाह हरम की औरतों की सुरक्षा और उन पर नज़र रखने के लिए हिजड़ों को नियुक्त करता था। इसका एक कारण ये भी था कि इन औरतों की पवित्रता पर किसी को शक न हो।
हरम में बादशाह की बेगमें और कई दूसरी औरतें भी रहती थीं जो उनकी सेवा करती थीं। जबरन शादी की गई महिलाओं के अलावा दासियाँ भी होती थीं। राजनीतिक समझौतों के तहत लाई गई महिलाएँ भी होती थीं। हरम के अंदर सिर्फ़ बादशाह की बेगमें ही नहीं बल्कि बादशाह की सभी महिला रिश्तेदार रहती थीं। मुगल इतिहास के अनुसार, मुगल बादशाहों ने कई हिंदू महिलाओं से शादी की और उन्हें अपने हरम में रखा। उदाहरण के लिए, हरखा बाई, हीर कुंवर, जगत गोसाई आदि मुगलों की बेगम के रूप में हरम में रहती थीं।
हरम में बेगमें और उनकी दासियाँ बादशाह की सेवा और मनोरंजन करती थीं। वे राजा के राजकीय मामलों में भी मदद करती थीं और समय आने पर अपनी जान देने के लिए तैयार रहती थीं।
महिलाओं के बीच सुंदरता और शक्ति की प्रतिस्पर्धा के कारण हरम में राजनीति भी होती थी। जो महिलाएँ अपनी पहचान स्थापित नहीं कर पाती थीं, उन्हें दूसरी बेगमों की सेवा में समय बिताना पड़ता था या फिर उन्हें हाशिये पर धकेल दिया जाता था। यानी यहाँ हमेशा अंदरूनी राजनीति और कूटनीति चलती रहती थी। इस हरम में जो बेगम बादशाह के सबसे करीब होती थी, उसका सबसे ज़्यादा प्रभाव होता था।
इतिहास में हरम का पहला उल्लेख 1299 में मिलता है, जब ओटोमन साम्राज्य की स्थापना हुई थी। उस्मान गाजी इसके पहले शासक थे। तुर्की इस साम्राज्य का हिस्सा था। इस साम्राज्य को ओटोमन साम्राज्य के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि हरम की शुरुआत ओटोमन साम्राज्य की स्थापना के साथ ही हुई थी। उस समय सुल्तान की शक्ति और साम्राज्य की भव्यता का अंदाजा उसके हरम से लगाया जाता था।
भारत के मुगल, बाबर, अकबर और उनके सभी वंशज तुर्क थे। यानी वे तुर्की के रहने वाले थे। उन्होंने भारत में भी हरम की इस प्रथा की शुरुआत की।
ओटोमन साम्राज्य पर आधारित वेब सीरीज ‘मैग्नीफिसेंट सेंचुरी’ के अनुसार, ओटोमन साम्राज्य के हरम में हर महिला का एक ओहदा होता था। उदाहरण के लिए, सुल्तान की मां को वालिदा सुल्तान और उनकी पत्नी को कादीन कहा जाता था। सुल्तान की पसंदीदा नौकरानी को गोजदे कहा जाता था और जिस पर सुल्तान अपना हाथ रखता था उसे इकबाल का ओहदा दिया जाता था।
जब भी हरम में कोई महिला बीमार पड़ती थी, जब भी हरम में किसी महिला को देखने के लिए डॉक्टर को बुलाया जाता था, तो उस समय हिजड़े उसका सिर ढक देते थे। ताकि बाहर से आने वाले लोग अंदर का माहौल न देख सकें।
इतालवी डॉक्टर मनुची द्वारा लिखी गई किताब ‘मुगल इंडिया’ में हरम की महिलाओं के बारे में कई कहानियाँ लिखी गई हैं। कई महिलाएँ जानबूझकर बीमार पड़ जाती थीं ताकि कोई पुरुष उनसे मिलने आए और वे उन्हें छू सकें। हरम में कई महिलाएँ ऐसी थीं जो बहुत ही लाचार थीं। वे खुद को गुलाम समझती थीं और बस किसी तरह अपना जीवन गुजार रही थीं।
राजेश कुमार एक वर्ष से अधिक समय से पत्रकारिता कर रहे हैं। फिलहाल इंडिया न्यूज में नेशनल डेस्क पर बतौर कंटेंट राइटर की भूमिका निभा रहे हैं। इससे पहले एएनबी, विलेज कनेक्शन में काम कर चुके हैं। इनसे आप rajeshsingh11899@gmail.com के जरिए संपर्क कर सकते हैं।